राजस्थान के प्रमुख त्यौहार/पर्व/उत्सव – Rajasthan Festivals List in Hindi

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चैत्र (मार्च-अप्रैल)

  • गणगौर( चैत्र शुक्ल तृतीया ): – गणगौर भारतीय राज्य राजस्थान और गुजरात मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाने वाला त्यौहार है।
  • गणगौर पूरे राज्य में मार्च-अप्रैल के दौरान भगवान शिव की पत्नी गौरी की पूजा करने वाली महिलाओं द्वारा बहुत उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
  • गणगौर को गणगौर रंगीन त्यौहार माना जाता है |
  • राजस्थान के लोगों के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार में से एक है |
  • अविवाहित महिलाएं एक अच्छे पति के साथ आशीर्वाद पाने के लिए उसकी पूजा करती हैं|
  • यह उत्सव अब कोलकाता में 100 वर्ष से अधिक पुराना है 
  • इस त्यौहार से त्यौहारों की समाप्ति मानी जाती है।
  • शीतलाष्टमीः- यह त्योहार चैत्र कृष्ण अष्टमी को मनाया जाता है |
  • शीतलाअष्टमी हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस दिन शीतला माता की पूजा होती है और व्रत भी रखा जाता है।
  • इस दिन बासी खाना खाया जाता है जिस से इसे ‘बासिड़ा‘ कहा जाता है ।
  • राजस्थान के जोधपुर में भी शीतलाष्टमी की धूमधाम से पूजा की जाती है।
  • शीतलामाता का मंदिर चाकसू-जयपुर में है ।
  • यह त्योहार इसलिए मनाया जात्ता है क्योकि शीतला अष्टमी पर शीतला माता की पूजा करने से संक्रामक रोग होते हैं |
  • धुलण्डी:- भारतीय उपमहाद्वीप से उत्पन्न एक लोकप्रिय प्राचीन हिंदू त्योहार है।
  • इस त्योहार को भारतीय “वसंत का त्योहार”, “रंगों का त्योहार” या “प्रेम का त्योहार” के रूप में जाना जाता है।
  • चैत्र माह की कृष्ण प्रतिपदा को होली के दूसरे दिन धुलंडी मनायी जाती है ।
  • पहली शाम को होलिका दहन या छोटी होली के रूप में जाना जाता है और अगले दिन होली, रंगवाली होली, धुलेटी, धुलंडी, या फगवा के रूप में जाना जाता है।
  • वर्ष प्रतिपदा/नवसवत्सर:- अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह अक्सर मार्च-अप्रैल के महीने से आरंभ होता है।
  • इस दिन विक्रमादित्य मेला मनाया जाता है।
  • हिन्दू नववर्ष चैत्र शुक्ल: – सारी दुनिया आमतौर पर January 1 को नववर्ष बड़ी धूमधाम के साथ मनाता है लेकि हिंदूधर्म का नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन प्रारम्भ होता है ।
  • हिंदी पंचांग में इस तिथि का बहुत अधिक महत्व है
  • घुड़ला ( चैत्र कृष्ण अष्टमी ): – यह त्यौहार जोधपुर के राव सातलदेव की याद में मनाया जाता है ।
  • पहरण करने वाले घुड़ले खान का वध कर महिलाओं का मुक्त कराने की याद में यह पर्व आज भी यहां मनाया जाता है।
  • सिंजारा ( चैत्र शुक्ल द्वितीया ): – गणगौर व छोटी तीज के एक दिन पूर्व सिंजारा निकाला जाता है ।

बैशाख

  • वैशाख पूर्णिमा: – बुद्ध जयंती के रूप में भी जाना जाता है |
  • बुद्ध पूर्णिमा और बुद्ध दिवस, पारंपरिक रूप से दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ ही तिब्बत और मंगोलिया में कुछ हिंदुओं और बौद्धों द्वारा मनाया जाने वाला अवकाश है
  • आखा तीज या अक्षय तृतीया ( बैशाख शुक्ल तृतीया ): – अक्षय तृतीया, जिसे अक्ती या अखा तीज के नाम से भी जाना जाता है
  • हिंदुओं और जैनियों का एक वार्षिक बसंत उत्सव है।
  • यह भारत और नेपाल में हिंदुओं और जैनों द्वारा क्षेत्रीय रूप से एक शुभ समय के रूप में मनाया जाता है
  • यह वैशाख महीने के ब्राइट हाफ (शुक्ल पक्ष) की तीसरी तीथि (चंद्र दिन) पर पड़ता है

ज्येष्ठ

  • पीपल पूर्णिमा ( ज्येष्ठ पूर्णिमा ): – यह ज्येष्ठ पूर्णिमा को मनाया जाता है |
  • पीपल पूर्णिमा के दिन पीपल वृक्ष की पूजा की जाती है |
  • हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा एक साल में पड़ने वाली पूर्णिमा में से सबसे ज्यादा माने जाने वाली पूर्णिमा है |
  • निर्जला एकादशी ( ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी ): – निर्जला एकादशी एक हिंदू पवित्र दिन है
  • यह हिंदू माह ज्येष्ठ (मई / जून) के वैक्सिंग पखवाड़े के 11 वें चंद्र दिवस (एकादशी) पर पड़ता है|
  • निर्जला एकादशी सभी 24 एकादशियों में सबसे पवित्र है।
  • यह एकादशी इस दिन मनाया जाने वाले जल-कम (निर्-जल) से इसको निर्जला एकादशी कहते है
  • निर्जला एकादशी दिन बिना जल के व्रत किया जाता है ।
  • वट सावित्री व्रत या बड़मावस ( ज्येष्ठ अमावस्या ): – सावित्री व्रत या सावित्री अमावस्या, नेपाल और भारतीय राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक उपवास दिवस है|
  • विवाहित हिंदू महिलाएं जिनके पति जीवित हैं वे इसे बड़े समर्पण के साथ एक व्रत के रूप में मनाती हैं
  • इस दिन स्त्रियाँ बड/बरगद की पूजा करती है ।

आषाढ

  • गुरु पूर्णिमा (आषाढ पूर्णिमा): – गुरु पूर्णिमा (पूर्णिमा) जिसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है
  • इस दिन वेद व्यास का जन्मदिन है।
  • यह भारत और भूटान में एक त्योहार के रूप में हिंदुओं, जैन और बौद्धों द्वारा मनाया जाता है
  • यह त्योहार हिंदू महीने आषाढ़ (जून-जुलाई) में पूर्णिमा के दिन (पूर्णिमा) को मनाया जाता है
  • देवश्यनी एकादशी ( आषाढ कृष्ण एकादशी ): – शयनी एकादशी या महा-एकादशी या प्रतिमा-एकादशी या पद्मा एकादशी या देवशयनी एकादशी या देवपद एकादशी एकादश चंद्र कई नाम से जानी जाती है।
  • यह हिन्दू माह आषाढ़ के उज्ज्वल पखवाड़े (शुक्ल पक्ष) को (जून – जुलाई) में आती है
  • इसलिए इसे आषाढ़ी एकादशी या आषाढ़ी के नाम से भी जाना जाता है
  • कहा जाता है की इस दिन भगवान विष्णु चार माह के लिए सो जाते हैं ।
  • और इस समय में मांगलिक कार्य सम्पन्न नहीं किये जाते हैं ।
  • योगिनी एकादशी (आषाढ कृष्ण एकादशी ): – आषाढ़ मास के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है |
  • हिन्‍दू धर्म में योगिनी एकादशी का बड़ा महत्‍व है
  • माना जाता है की है यदि कोई योगिनी एकादशी का व्रत व्रत करता है तो सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है|

श्रावण

  • श्रावणी सोमवार: – श्रावण मास में श्रावणी सोमवार बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना से फल मिलता है |
  • श्रावण सोमवार व्रत की पूजा भी अन्य सोमवार व्रत के अनुसार की जाती है लेकिन इसमें एक समय ही भोजन किया जाता है |
  • कामिका एकादशी व्रत ( श्रावण कृष्ण एकादशी ): – कामिका एकादशी व्रत को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है ।
  • यह व्रत श्रावण कृष्ण एकादशी को किया जाता है |
  • इस एकादशी के व्रत की विधि दशमी से ही शुरू हो जाती है |
  • हरियाली अमावस्या ( श्रावण अमावस्या ): – श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
  • हरियाली अमावस्या को बुड्डा जोहड़ मेला तथा डिग्गीपुरी का राजा मेला लगता है ।
  • इस दिन विशेष तौर पर शिवजी का पूजन-अर्चन किया जाता है।
  • हरियाली अमावस्या को अजमेर के मांगलियावास गाँव में वृक्ष मेला लगता है ।
  • नाग पंचमी ( श्रावण कृष्ण पंचमी ): – नागों या नागों की पारंपरिक पूजा का दिन है।
  • जोधपुर में नागपंचमी का मेला लगता है ।
  • इस दिन विशेष रूप से दूध के प्रसाद के साथ नाग की पूजा की जाती है
  • रक्षा बन्धन (श्रावण पूर्णिमा ): – रक्षाबंधन एक लोकप्रिय, पारंपरिक रूप से हिंदू, वार्षिक त्यौहार है|
  • इसे भारत, नेपाल और भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य हिस्सों और आसपास के लोगों के बीच मनाया जाता है
  • रक्षाबंधन हिंदू चंद्र कैलेंडर माह श्रावण के अंतिम दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त में पड़ता है।
  • “रक्षा बंधन,” संस्कृत, का शाब्दिक अर्थ, “सुरक्षा, दायित्व, या देखभाल का बंधन”
  • उत्तर भारत में, जहाँ गाँव की अतिशयता काफी प्रचलित है, बड़ी संख्या में विवाहित हिंदू महिलाएँ हर साल समारोह के लिए अपने माता-पिता के घर वापस जाती हैं |
  • इसे नारियल पूर्णिमा या सत्य पूर्णिमा भी कहा जाता है ।
  • छोटी तीज ( श्रावण शुक्ल तृतीया ): – छोटी तीज या हर‌ियाली तीज का उत्सव श्रावण मास में शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है।
  • इस दिन महिलाएं झूला झूलती हैं और लोकगीत गाती हैं
  • छोटी तीज के साथ ही त्यौहार का आगमन माना जाता है |



भाद्र

  • हरतालिका तीज ( भाद्र शुक्ल तृतीया ): – हरतालिका व्रत को हरतालिका तीज या तीजा भी कहते हैं |
  • इस पर्व को गौरी शंकर का पूजन करके मनाया जाता है ।
  • यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को होता है 
  • कृष्ण जन्माष्टमी ( भाद्र कृष्ण अष्टमी ): – कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे बस जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है | यह वार्षिक हिंदू त्योहार है |
  • नाथद्वारा (राजसमद) में जन्माष्टमी का मेला लगता है ।
  • इस दिन विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है।
  • गोगा नवमी ( भाद्र कृष्ण नवमी ): – गोगाजी चौहान राजस्थान के लोक देवता हैं |
  • भादों कृष्णपक्ष की नवमी को गोगाजी देवता का मेला भरता है।
  • यह मेला राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक शहर गोगामेड़ी में लगता है |
  • बडी तीज/सातुडी तीज/कजली तीज/बूढी तीज ( भाद्र कृष्ण तृतीया): – कृष्ण तृतीया को कजरी तीज के रूप में मनाई जाती है। इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे सतवा तीज, सातुडी तीज और सौंधा तीज आदि
  • सातुडी तीज को व्रत रखकर गायों का पूजन करते है ।
  • सातुडी तीज मेला बूंदी में लगता है
  • रक्षाबंधन पर्व के पश्चात भाद्रपद कृष्ण तृतीया को कजली तीज का व्रत किया जाता हैं
  • जलझूलनी/देवझूलनी (भाद्र शुक्ल एकादशी): – भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी जलझूलनी या पदमा एकादशी कहलाती है.|
  • इस दिन भगवान श्री विष्णु के वामन रूप की पूजा की जाती है
  • इस दिन देवों की मूर्तियों को पालकियों तथा विमानों में गाजे-बाजे के साथ लेकर जलाशय के पास जाते है तथा स्नान करवाया जाता है ।
  • शिवा चतुर्थी ( भाद्र शुक्ल चतुर्थी ): – इस दिन पूरे विधि-विधान से शिव जी की पूजा की जाती है।
  • कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को “शिव चतुर्दशी” कहते हैं।
  • राधाष्टमी ( भाद्र शुक्ल अष्टमी ): – राधाष्टमी राधा जी के जन्म के रूप में मनाया जाता है ।
  • भगवान कृष्ण के 16,000 मित्र थे, जिन्हें गोपी और गोपीक कहा जाता था, जिनमें से राधा सबसे प्रतिष्ठित 108 में से एक थीं |
  • राधाष्टमी को बृज क्षेत्र में औपचारिक रूप से मनाया जाता है।
  • राधाष्टमी के दिन अजमेर की निम्बार्क पीठ सलेमाबाद में मेला भरता है ।
  • ऋषि पंचमी ( भाद्र शुक्ल पंचमी ): – यह चंद्र कैलेंडर के भाद्रपद महीने में गणेश चतुर्थी के अगले दिन होता है
  • यह सप्त ऋषि की पारंपरिक पूजा है
  • सात ऋषि – कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम महर्षि, जमदग्नि और वशिष्ठ
  • इस व्रत में, लोग उन प्राचीन ऋषियों के महान कार्यों के प्रति सम्मान, कृतज्ञता और स्मरण व्यक्त करते हैं |
  • साँझी: – यह पर्व प्रमुख पर्व है जो भाद्रपद की पूर्णिमा से अश्विन मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
  • यह त्यौहार राजस्‍थान,गुजरात, ब्रजप्रदेश, मालवा, निमाड़ हरियाणा तथा अन्‍य कई क्षेत्रो में मनाया जाता है
  • साँझी त्यौहार में 15 दिन तक कुँवारी कन्याएँ भांति-भांति की सांझियाँ बनाती है व पूजा करती हैं ।
  • इस दिन सब जगह रौनक व उत्साह छाया रहता है।
  • विश्व कर्मा जयन्ती (भाद्रपद शुक्ल दशमी): – विश्वकर्मा जयंती, एक हिंदू देवता, दिव्य वास्तुकार, विश्वकर्मा के उत्सव का दिन है |
  • इस दिन यंत्र और औजारों की पूजा की जाती है ।
  • विश्वकर्मा को दुनिया का निर्माता माना जाता है।
  • यह त्योहार मुख्य रूप से कारखानों और औद्योगिक क्षेत्रों में मनाया जाता है |
  • गणेश चतुर्थी: – गणेश चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी (विनायक चतुर्थी) के नाम से भी जाना जाता है| यह एक हिंदू त्यौहार है |
  • इस दिन शेखावाटी में लड़को के सिंजारे आते है ।
  • यह त्योहार निजी तौर पर घरों में, या सार्वजनिक रूप से विस्तृत पंडालों (अस्थायी रूप से) पर गणेश मिट्टी की मूर्तियों की स्थापना के साथ चिह्नित है।
  • इस दिन रणथम्भौर (सवाई माधोपुर) में मेला लगता है जो बहुत प्रसिद्ध है |
  • श्राद्धपक्ष (भाद्र पूर्णिमा): – आश्विन के कृष्ण पक्ष को हमारे हिन्दू धर्म में श्राद्ध पक्ष के रूप में मनाया जाता है
  • इसको महालय और पितृ पक्ष भी कहते हैं।
  • बुजुर्गों की मृत्यु तिथि के दिन श्रद्धापूर्वक तर्पण और ब्रह्मण को भोजन कराना ही श्राद्ध है । इस संस्कार को कनागत कहते है ।
  • रामदेव जयन्ती (भाद्रपद शुक्ल दशमी): – बाबा रामदेव का जन्मोत्सव को रामदेव जयन्ती मनाई जाती है |
  • रामदेव जी राजस्थान के एक लोक देवता हैं |
  • इस दिन रामदेवरा रूणेचा (जैसलमेर) में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है ।
  • बछबारस (भाद्र कृष्ण द्वादशी): – बछबारस का पर्व राजस्थानी महिलाओं में ज्यादा लोकप्रिय है।
  • भाद्र कृष्ण द्वादशी के दिन व्रत करती है |
  • इस दिन गाय व बछडों की सेवा की जाती है ।
  • सतिया अमावस्या (भाद्रपद अमावस्या): – सतियां अमावस्या भाद्रपद की अमावस्या को कहा जाता है

आश्विन

  • शरद पूर्णिमा (आश्विन पूर्णिमा): – शरद पूर्णिमा जिसे कुमारा पूर्णिमा, कोजागिरी पूर्णिमा, नवन्ना पूर्णिमा या कौमुदी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है
  • यह एक फसल त्योहार है |
  • इस दिन रात्रि को खीर बनाकर पूरी रात चांदनी रात में रखकर सुबह खाईं जाती है ।
  • धन की हिंदू देवी लक्ष्मी को इस दिन महत्वपूर्ण रूप से पूजा जाता है
  • दुर्गाष्टमी (आश्विन शुक्ल अष्टमी): – दुर्गा अष्टमी या महा अष्टमी, पाँच दिनों तक चलने वाले दुर्गा पूजा महोत्सव के सबसे शुभ दिनों में से एक है।
  • परंपरागत रूप से, त्योहार सभी भारतीय घरों में 10 दिनों के लिए मनाया जाता है |
  • भारत में इस पर कई लोगों द्वारा उपवास किया जाता है।
  • इस दिन ‘गरबा’ नृत्य करने और रंगीन कपड़े पहनने के लिए भी एकत्रित होते हैं
  • दुर्गाष्टमी अवसर पर दुर्गा देवी की पूजा की जाती है
  • इस दिन नौ कुंवारी कन्याओँ को भोजन करवाया जाता है ।
  • नवरात्र: – यह त्योहार हिंदू कैलेंडर माह अश्विन के उज्ज्वल आधे में मनाया जाता है|
  • नवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जिसे भारतीय सांस्कृतिक क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है |
  • दशहरा (आश्विन शुक्ल दशमी ): –विजयादशमी जिसे दशहरा, दशहरा या दशा के नाम से भी जाना जाता है |
  • हर साल नवरात्रि के अंत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है
  • इस दिन राजस्थान में कोटा और मैसूर शहर में सबसे बडा मेला लगता है ।
  • दशहरे के दिन शमी वृक्ष (खेजडी) की पूजा की जाती है

कार्तिक

  • करवा चौथ: – करवा चौथ उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक दिवसीय त्यौहार है|
  • जो कार्तिक महीने में पूर्णिमा (पूर्णिमा) के चार दिन बाद मनाया जाता है।
  • कई हिंदू त्योहारों की तरह, करवा चौथ चंद्र कैलेंडर पर आधारित है
  • इस दिन स्त्रियां सुहाग की लंबी आयु के लिए व्रत करती है ।
  • दीपावली (कार्तिक अमावस्या): – यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है ।
  • दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है इसे दीपोत्सव भी कहते हैं
  • दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे
  • तुलसी एकादशी ( कार्तिक कृष्ण एकादशी ): – तुलसी एकादशी दिन तुलसी की पूजा की जाती है ।
  • हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है।
  • धन तेरस (कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी ): – धनतेरस जिसे धनत्रयोदशी के रूप में भी जाना जाता है|
  • धनतेरस के अवसर पर धनवन्तरि वैद्य जी का पूजन किया जाता है उन्हें आयुर्वेद का देवता माना जाता है |
  • इस दिन बर्तन और गहने खरीदना शुभ माना जाता है ।
  • अहोई अष्टमी: – अहोई अष्टमी कृष्ण पक्ष अष्टमी पर दिवाली से लगभग 8 दिन पहले मनाया जाता है |
  • यह पूर्णिमंत कैलेंडर के अनुसार उत्तर भारत में, यह कार्तिक महीने के दौरान पड़ता है
  • अमांता कैलेंडर के अनुसार गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य दक्षिणी राज्यों में होता है, यह अश्विन के महीने के दौरान आता है |
  • इस दिन पुत्रवती स्त्रियां निर्जल व्रत करती है ।
  • अहोई अष्टमी पर उपवास और पूजा माता अहोई या देवी अहोई को समर्पित है
  • यह व्रत अपने बच्चों की भलाई और लंबे जीवन के लिए माताओं द्वारा किया जाता है
  • रूप चतुर्दशी (कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी): – दीपावली पर्व के ठीक एक दिन पहले माने जाता है
  • इस दिन को छोटी दीपावली के रूप में मनाया जाता है
  • इसी दिन शाम को दीपदान की प्रथा है जिसे यमराज के लिए किया जाता है।
  • गोपाष्टमी को गाय व बछड़े की पूजा की जाती है ।
  • आंवला नवमी/अक्षय नवमी (कार्तिक शुक्ल नवमी): – आंवला नवमी आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है ।
  • यह कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है
  • इसकोअक्षय नवमी भी कहा जाता है।
  • गोवर्धन पूजा व अन्नकूट (कार्तिक शुक्ल एकम्): – गोवर्धन पूजा नाथद्वारा (राजसमन्द) का प्रसिद्ध महोत्सव है ।
  • यह त्योहार पूरे भारत और विदेशों में अधिकांश हिंदू संप्रदायों द्वारा मनाया जाता है।
  • गोवर्धन पूजा के दिन मन्दिरों में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है ।
  • गोवर्धन दिन सुबह के समय गौ के गोबर से गोवर्धन की पूजा की जाती है
  • भैया दूज (कार्तिक शुक्ल द्वितीया): – इस दिन छोटी बहन भी अपने बड़े भाइयों को उपहार देती हैं। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं।
  • भाई दूज यम द्वितीय के रूप मे मनाया जाता है
  • यह दिन रक्षा बंधन के त्योहार के समान हैं।
  • गोपाष्टमी ( कार्तिक शुक्ल अष्टमी ): – यह पर्व भगवान कृष्ण और गायों को समर्पित है
  • कार्तिक पूर्णिमा: – कृतिका पूर्णिमा एक हिंदू, सिख और जैन सांस्कृतिक त्योहार है
  • इस दिन गंगा स्नान और पुष्कर स्नान का विशेष महत्व है ।
  • इस दिन गुरूनानक जी का जन्म हुआ था ।
  • कृतिका पूर्णिमा को त्रिपुर पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है ।
  • देव उठनी ग्यारस (कार्तिक शुक्ल एकादशी): – देवउठनी एकादशी तक छह माह तक रहती है।
  • देवउठनी के दिन भगवान विष्णु चार माह तक निद्रावस्था में रहने के बाद जागते है ।
  • इसीलिए छह मास तुलसी की पूजा से ही देवपूजा का फल प्राप्त हो जाता है।
  • मकर संक्रान्ति: – मकर संक्रांति देवता सूर्य (सूर्य) को समर्पित है। यह हर साल माघ के चंद्र महीने में मनाया जाता है
  • यह लगभग हमेशा हर साल (14/15 जनवरी) को मनाई जाती है
  • इस दिन पवित्र नदियों या झीलों में जाते हैं और सूर्य को धन्यवाद देने की रस्म में स्नान करते हैं

पौष

  • गुरू गोविन्द सिंह जयन्ती (पौष शुक्ल सप्तमी): – गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु हैं।
  • इस दिन गुरू गोबिन्द सिंह जी ने गुरू परम्परा को समाप्त कर अपने धर्म ग्रंथ ‘गुरू ग्रंथ साहिब’ को गुरू घोषित किया

माघ

  • तिलचौथ (माघ कृष्ण चतुर्थी): – कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को तिल चौथ मनाते हैं।
  • तिल चौथ को ही सकट चौथ के नाम से जानते हैं।
  • इस दिन गणेशजी व चौथ माता को तिलकुट का भोग लगता है ।
  • बसंत पंचमी ( माघ शुक्ला पंचमी ): – वसन्त पञ्चमी वसंत पंचमी को बसंत पंचमी भी कहा जाता है |
  • यह वसंत के आगमन की तैयारी का प्रतीक है
  • वसंत पंचमी भी होलिका और होली की तैयारी की शुरुआत का प्रतीक है,
  • इस उत्सव केभगवान श्रीकृष्ण अधिदेवता है
  • इस दिन ब्रज में इस दिन राधा और कृष्ण की लीलाएँ रचाई जाती है
  • मौनी अमावस्या (माघ अमावस्या): – मौनी अमावस्या को मौन व्रत किया जाता है
  • इस दिन भगवान मनु का जन्मदिन हैं ।
  • माना जाता है की यह योग पर आधारित महाव्रत है |
  • षट्तिला एकादशी ( माघ कृष्णा एकादशी ): – हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
  • षट्तिला एकादशी अधिष्ठाता देव भगवान विष्णु है ।
  • इस दिन काली गाय और काले तिलों के दान किये जाते है |
  • माघ स्नान (माघ पूर्णिमा ): – इस दिन प्रयाग में मेला भी लगता है जिसे कल्पवास कहा जाता है।
  • राजस्थान में डूंगरपुर के नवाटापुरा नामक स्थान पर वेणेश्वर मेला लगता है ।

फाल्गुन

  • ग्यारस आमलकी (फाल्गुन शुक्ल एकादशी): – आमलकी एकादशी फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में होती है
  • इस दिन खाटूश्याथ जी का मेला प्रारंभ होता है ।
  • आमलकी एकादशी के दिन व्रत करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं
  • इस दिन पुत्र होने पर पीहर पक्ष की ओर से वस्त्र आदि भेजे जाते है,
  • महाशिवरात्री (फाल्गुन कृष्ण तैरस): – महा शिवरात्रि भगवान शिव के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है।
  • यह नाम उस रात को भी दर्शाता है जब शिव स्वर्गीय नृत्य करते हैं
  • यह हिंदू धर्म में एक प्रमुख त्यौहार है,
  • होलिका दहन: – होलिका दहन, होली त्योहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
  • इस दिन भगत प्रहलाद की स्मृति में मनाईं जाती है ।

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