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- भारतीय स्वाधीनता आंदोलन का सरकारी इतिहासकार था⟶एस.एन.सेन
- भारतीय भाषा में 1857 के विप्लव के कारणों पर लिखने वाला प्रथम भारतीय था⟶ सैयद अहमद खां
- भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य तात्कालिक कारण था⟶ अंग्रेजों का धर्म में हस्तक्षेप का संदेश
- मंगल पांडे की घटना हुई थी⟶ बैरकपुर में
- मंगल पांडे सिपाही था⟶ 34वी बंगाल नेटिव इन्फेंट्री के
- 1857 की क्रांति सर्वप्रथम प्रारंभ हुई⟶ मेरठ से
- अंग्रेजों के विरुद्ध भीलो द्वारा क्रांति प्रारंभ की गई थी⟶ मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में
- ताना भगत आंदोलन उत्तराउराव ने प्रारंभ किया था⟶ 1914 में
- 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित पहली घटना थी⟶ सैनिकों का दिल्ली के लाल किले पर पहुंचना
- 1857 के स्वाधीनता संग्राम का प्रतीक था⟶ कमल और रोटी
- पागलपंथी विद्रोह वस्तुतः एक विद्रोह था⟶ गारो का
- उलगुलन विद्रोह जुड़ा था⟶ बिरसा मुंडा से
- 1857 के स्वाधीनता संघर्ष की वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई की जन्म स्थली है⟶ वाराणसी
- 1857 के बरेली विद्रोह का नेता था⟶ खान बहादुर
- महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थित है⟶ ग्वालियर में
- रानी लक्ष्मीबाई को अंतिम युद्ध में सामना करना पड़ा⟶ ह्यूरोज का
- का विद्रोह लखनऊ में जिसके नेतृत्व में आगे बढ़ा, वह थी⟶ बेगम आफ अवध
- इलाहाबाद में 1857 के संग्राम का नेता था⟶ मौलवी लियाकत अली
- 1857 के संघर्ष में भाग लेने वाले सिपाहियों के सर्वाधिक संख्या थी⟶ अवध से
- नाना साहब का” कमांडर इन चीफ”था ⟶ तात्या टोपे
- अजीमुल्ला खा सलाहकार थे⟶ नाना साहब के
- 1857 के विद्रोह के दौरान बहादुर शाह ने’ साहब ए आलम बहादुर’ का खीताब दिया था⟶ बख्त खान को
- 1857 की क्रांति का प्रमुख कारण था⟶ ब्रिटिश साम्राज्य की नीति
- 1857 के क्रांतिकारियों में वह जिसका वास्तविक नाम’ रामचंद्र पांडुरंग’ था⟶ तात्या टोपे
- पटना के 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नेता थे⟶ राजपूत कुंवर सिंह
- असम में 1857 की क्रांति का नेता था⟶ दीवान मनीराम दत्त
- 857 के विद्रोह का बिहार में 15 जुलाई, 1857 से 20 जनवरी, 1858 तक केंद्र था⟶ जगदीशपुर
- जगदीशपुर का वह व्यक्ति जिसने 1857ई . के विप्लव में क्रांतिकारियों का नेतृत्व किया⟶ कुंवर सिंह
- जगदीशपुर के राजा थे⟶ कुंवर सिंह
- 1857 ई. की क्रांति में अंग्रेजों व जोधपुर के संयुक्त सेना को पराजित करने वाला था⟶ आउवा के ठाकुर कुशाल सिंह
- अंग्रेजी भारतीय सेना में चर्बी वाले कारतूसों से चलने वाली एनफील्ड राइफल को शामिल किया गया⟶ दिसंबर 1856 में
- 1857 के विद्रोह को देखने वाले उर्दू कवि थे⟶ मिर्जा ग़ालिब
- सुप्रसिद्ध उर्दू शायर मिर्ज़ा ग़ालिब का मूल निवास था⟶ आगरा
- आजादी की पहली लड़ाई 1857 में भाग नहीं लिया⟶ भगत सिंह ने
- 1857 के विद्रोह में बेगम हजरत महल, कुंवर सिंह, ऊधम सिंह तथा मौलवी अहमदुल्लाह मैं से संबंध नहीं था⟶ ऊधम सिंह
- 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों की सर्वाधिक सहायता करने वाला राजवंश था⟶ ग्वालियर के सिंधिया
- भारत में शिक्षित मध्य वर्ग ने ⟶ 1857 के विद्रोह से तटस्थता बनाए रखी थी
- झांसी, चित्तौड़, जगदीशपुर तथा लखनऊ में से वह क्षेत्र जो 1857 विद्रोह से प्रभावित नहीं था⟶ चित्तौड़
- बिहार के दानापुर, पटना, आरा , मुजफ्फरपुर, मुंगेर में से 1857 के विद्रोह से अप्रभावित भाग था⟶ मुंगेर
- 1857 विद्रोह के समय बैरकपुर में ब्रिटिश कमांडिंग ऑफिसर था⟶ जान बेनेट हैरसे
- 1857 मैं इलाहाबाद को आपातकालीन मुख्यालय बनाया था⟶ लार्ड कैनिंग ने
- अंग्रेज राजपूत राज्यों में 1857 के विद्रोह को दबाने में सफल रहे क्योंकि⟶ स्थानीय शासकों ने क्रांतिकारियों का साथ नहीं दिया
- 1857 के विद्रोह को एक’ षड्यंत्र’ की संज्ञा दी⟶ सर जेम्स आउट्रम एव डब्ल्यू . टेलर ने
- वह आधुनिक इतिहासकार जिसने 1857 के विद्रोह को स्वतंत्रता की पहली लड़ाई कहा था⟶वी.डी. सावरकर
- मौलवी अहमदुल्लाह शाह, मौलवी इंदादुल्लाह , मौलाना फज्लेहक खेराबादी तथा नवाब लियाकत अली में से 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों का सबसे कट्टर दुश्मन था⟶ मौलवी अहमदुल्लाह शाह
- 1857 की क्रांति के बारे में सही अवधारणा है⟶ इसने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की शासन प्रणाली को मृतप्राय बना दिया
- महारानी विक्टोरिया ने भारतीय प्रशासन को ब्रिटिश ताज के नियंत्रण मैं लेने की घोषणा की थी⟶ 1 नवंबर, 1858 को
- 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर जनरल था⟶ लार्ड कैनिंग
- पब्लिक सर्विस आयोग, पील आयोग, हंटर आयोग तथा साइमन कमीशन मैं 1857 के विद्रोह के दमन के बाद भारतीय फौज के नव संगठन से संबंधित है ⟶ पील आयोग
- 1857 का विद्रोह मुख्यत: असफल रहा⟶ किसी सामान्य योजना और केंद्रीय संगठन की कमी के कारण
- नील कृषकों की दुर्दशा पर लिखी गई पुस्तक” नील दर्पण” के लेखक थे⟶ दीनबंधु मित्र
- ‘वंदे मातरम’ गीत लिखा है⟶ बंकिमचंद्र चटर्जी ने
- आनंदमठ उपन्यास की कथावस्तु आधारित है⟶ सन्यासी विद्रोह पर
- “तथाकथित प्रथम राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम ना प्रथम,न राष्ट्रीय और न ही स्वतंत्रता संग्राम था” यह कथन सम्बद्ध है⟶ आर. सी. मजूमदार से
- मुंगेर के बरहीयाताल विरोध का उद्देश्य था⟶ बकास्त भूमि की वापसी की मांग
- 19वी शताब्दी के दौरान होने वाले” वहाबी आंदोलन” का मुख्य केंद्र था⟶ पटना
- ‘पागल पंथ’ की स्थापना की थी⟶ करमशाह ने
- फराजी विद्रोह का नेता था⟶ दादू मियां
- 1857 के विद्रोह के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री थे⟶ विश्वकांट पामस्टर्न
- वेलु थम्पी ने अंग्रेजो के विरुद्ध आंदोलन का नेतृत्व किया था ⟶ केरल में
- महाराष्ट्र में रामोशी कृषक जत्था स्थापित किया था⟶ वासुदेव बलवंत फड़के ने
- रामोसी विद्रोह सही रूप में जिस भौगोलिक इलाके में हुआ था, वह था⟶ पश्चिमी घाट
- 1857 के विद्रोह के ठीक बाद बंगाल में सन्यासी विद्रोह, संथाल विद्रोह, नील उपद्रव तथा पावना उपद्रव में से विप्लव हुआ⟶ नील विद्रोह का
- कोल विद्रोह(1831- 32) का नेतृत्व किया⟶ बुध्दू भगत ने
- बघेरा विद्रोह हुआ⟶ बड़ौदा में
- छोटा नागपुर जनजाति विद्रोह हुआ था⟶ 1820ई. मैं
- संथाल विद्रोह का नेतृत्व किया⟶ सिध्दू कान्हू एव भैरव चांद
- 1855ई . मैं संथालों ने किस अंग्रेज कमांडर को हराया⟶ मेजर बारो
- कूका आंदोलन के संगठित किया⟶ गुरु राम सिंह ने
- जिस आदिवासी नेता को जगत पिता(धरती आबा) कहा जाता था, वह था⟶ बिरसा मुंडा
- गड़करी विद्रोह का केंद्र था⟶ कोल्हापुर
- मानव बलि प्रथा का निषेध करने के कारण अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह करने वाली जनजाति का नाम⟶ खोंद
- भारत में19वी शताब्दी के जनजातीय विद्रोह के लिए जिसने साझा कारण मुहैया किया⟶ जनजातीय समुदायों की प्राचीन भूमि संबंधी व्यवस्थापक संपूर्ण
- हौज विद्रोह हुआ⟶ (1820- 21 ई.) के दौरान
- मेवाड़, बागड़, और पास के क्षेत्रों के भीलो में सामाजिक सुधार के लिए’ लसोणिया आंदोलन’ का सूत्रपात किया⟶ गोविंद गिरी ने
- वाराणसी में प्रथम संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की थी⟶जोनाथन डंकन ने
- सर्वप्रथम’भगवतगीता’ अंग्रेजी में अनुवाद किया था⟶चार्ल्स विल्किंस ने
- 1921 का मोपला विद्रोह हुआ था⟶ केरल में
- महात्मा गांधी एवं उनके विचारों से प्रभावित होने वाले प्रथम आदिवासी नेता थे⟶ जोड़ानांग
- खैरवार आदिवासी आंदोलन हुआ⟶ 1874ई. मैं
- संभलपुर के अनेक ब्रिटिश विरोधी विद्रोहो का नेता था⟶ सुरेंद्र साईं
- बिरसा मुंडा का कार्यक्षेत्र था⟶ रांची
- जनजाति लोगों के संबंध में’ आदिवासी’ शब्द का प्रयोग किया था⟶ ठक्कर बापा ने
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