Telegram GroupJoin Now
- जो तोषी खाए सो पच्छताए, जो बावली खाए सो दुख भोगे।
- माया मरी ना मन मरा, मर मर गई जगदीश।
- जाति ना पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान।
- जो तुम करोगे, आप ही भोगोगे।
- सुख में सब साथी, दुख में न कोई।
Read Also: सफलता के लिए 9 ज्ञान की बातें
- काम अवगुण न धरे, साधु संग न होय।
- बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
- साधु ऐसा चाहिए जैसा सोमा, सम दाम दंड भेद बुद्धि बिख्याता।
- जो तो काम करे उसी को करे विस्तार, जो तो जीते सो हारे, जो तो हारे सो जीते।
- माया मुरख देख कर, नींद लगाए कोय।
Read Also: स्वस्थ रहने के 35 नियम
- माला तो कर ले रोज प्रभु का नाम, फिर कब तू सोयेगा जब बिना काम के काम?
- जो तुम चाहो वह तुम्हारे लिए नहीं है, जो होगा वह तुम्हें मिलेगा।
- बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो मन खोजा आपना, तो मुझसे बुरा न कोय।
- सत्संगति से बढ़ता है सत्कथा का विस्तार, जो सुनता है वही जानता है सत्य का अर्थ।
- जीवन एक सफ़र है, सुख दुःख रहे न सहारा।
Read Also: 10 ज्ञान की बातें
- सत्य का पथ अपनाओ, मिथ्या से दूर भाग जाओ।
- मन के हारे हार हैं, मन के जीते जीत।
- बिन पानी सब सूखे, पानी बिना नहीं जीव।
- सब धर्मों में बराबरी है, मानव धर्म ही सबसे ऊँचा।
Read Also: महात्मा गाँधी के 15 सुविचार
Tags: कबीर एक विचारधारा कबीर के धार्मिक विचार कबीर दास जी के विचार कबीर के दोहे जिंदगी के उद्देश्य पर कबीर जी के दोहे कबीर दास के 10 दोहे सफलता के दोहे।
Telegram GroupJoin Now