मौर्य साम्राज्य से संबंधित प्रश्न उत्तर

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  • सुवर्ण भूमि में धर्म प्रचारक कौन थे → सोन और उत्तरा
  • शाहबाजगढ़ी तथा मानसेहरा शिलालेख किस लिपि में हैं → खरोष्ठी
  • गिरनार, धौली, कालसी, जौगढ़, सोपारा, एर्रागुड़ी अभिलेख किस लिपि में है → ब्राह्मी
  • शाहबाजगढ़ी शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → पेशावर
  • मानसेहरा शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → हजारा
  • गिरनार शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → काठियावाड़
  • अशोक की मुख्य रानी कौन थी → असंघमित्रा
  • बौद्ध धर्म प्रचारक मज्झंतिक का गंतव्य स्थान क्या था → कश्मीर और गांधार
  • प्रचारक महादेव का गंतव्य स्थान क्या था→ महिष्मंडल
  • महारक्षित को प्रचार हेतु कहाँ भेजा गया → यवन राज्य
  • धर्मरक्षित को प्रचार हेतु कहाँ भेजा गया → अपरांतक
  • हिमालय प्रदेश में धर्म प्रचार हेतु किसे भेजा गया → मज्झिम
  • महाराष्ट्र में धर्म प्रचारक कौन था → महाधर्मरक्षित
  • आधिकारिक सम्राट अशोक का किस नाम से उल्लेख है→ प्रियदस्सी
  • सम्राट अशोक की राष्ट्रीय उपाधि थी → देवानांप्रिय
  • बराबर गुफा अभिलेख में अशोक किस संबोधन से उद्धृत है→ प्रियदस्सी राजा
  • महेंद्र व संघमित्रा की माता का क्या नाम था→ महादेवी
  • कुणाल की माता का क्या नाम था → पद्मावती
  • तिवर की माता का क्या नाम था → कारूवाकी
  • ‘भाब्रु (वैराट) शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → जयपुर (राजस्थान)
  • साओमारी शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → शहडोल (म.प्र.)
  • तक्षशिला व लंपाक या लमगाम शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुए थे → पाकिस्तान
  • सारनाथ स्तंभ लेख की खोज 1905 ई. में किसने की → ओटैल
  • रुम्मिनदेई तथा निग्लीवा स्तंभ लेख की खोज किसने की → फीहरर
  • मौर्य काल में खान एवं धातुकर्म नियंत्रक का प्रधान कौन होता था → अकाराध्यक्ष
  • धौली शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → पुरी (उड़ीसा)
  • जौगढ़ शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → गंजाम (उड़ीसा)
  • सोपारा शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → थाणे (महाराष्ट्र)
  • एर्रागुड़ी शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → कुर्नूल (आ.प्र.)

  • ब्रह्मगिरी, जटिंग रामेश्वर, सिद्धपुर शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुए थे → ब्रह्मगिरी (कर्नाटक)
  • गुर्जरा शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था→ दतिया (म.प्र.)
  • चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने शासन काल के अंत में किस धर्म को स्वीकार कर लिया था → जैन धर्म
  • यूनानी लेखकों ने किसे अमित्रोकेटीज या अमित्रघात की उपाधि दी थी → बिंदुसार
  • दिव्यावदान के अनुसार बिंदुसार की मंत्रिपरिषद में कितने मंत्री थे → 500
  • बिंदुसार के 101 पुत्रों में सबसे बड़ा कौन था → सुमन (सुसीम)
  • अशोक अपने पिता बिंदुसार का कौन-से क्रम का पुत्र था → द्वितीय
  • बिंदुसार का सबसे छोटा पुत्र कौन थाbकिस स्रोत के अनुसार अशोक ने 99 भाइयों की हत्या करके सिंहासन प्राप्त किया→ सिंहली
  • चंद्रगुप्त मौर्य ने किसकी सहायता से मगध के शासक धनानंद का वध करके मगध पर अधिकार किया → चाणक्य
  • भारत में ऐसी कौन-सी नदी थी जिसमें कुछ भी तैर नहीं सकता था → सिलास
  • मेगस्थनीज ने पाटलिपुत्र को किस नाम से पुकारा→ पालिव्रोथा
  • इंडिका के अनुसार भारत में गंगा और सिंधु सहित कितनी नदियाँ थीं → 58
  • चंद्रगुप्त का साम्राज्य उत्तर में हिमालय तक तथा पश्चिम में कहाँ तक फैला था → हिंदूकुश
  • किस बौद्ध भिक्षु ने अशोक को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया था → निग्रोथ
  • अंतिम मौर्य शासक वृहद्रथ की हत्या उसके किस सेनापति ने की थी → पुष्यमित्र शुंग
  • किस काल में राजा की निजी सुरक्षा हेतु सशस्त्र अंगरक्षिकाएँ होती थीं → मौर्य काल
  • कौटिल्य के अर्थशास्त्र में मंत्रियों के लिए तीर्थ शब्द आया है तथा इनकी संख्या कितनी है → 18
  • मेगस्थनीज के अनुसार जिले के अधिकारियों को क्या कहा जाता था → एग्रोनोमोई
  • मौर्यकाल में साम्राज्य का सर्वोच्च न्यायाधीश कौन होता था → सम्राट
  • गुप्तचर विभाग के प्रमुख को मौर्यकाल में क्या कहा जाता था→ महामात्यापसर्प
  • मौर्यकाल में राज्य की आय का मुख्य स्रोत क्या था→ भूमि-कर
  • कलिंग युद्ध में लड़ते हुए कितने व्यक्ति मारे गए→ एक लाख
  • अशोक ने कलिंग युद्ध में कितने व्यक्ति कैद किए → एक लाख पचास हजार
  • अशोक ने कितने स्तूपों का निर्माण कराया था → 84,000
  • बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए अशोक ने अपने पुत्र महेंद्र व पुत्री संघमित्रा को कहाँ भेजा → श्रीलंका

  • अशोक धम्म की परिभाषा कहाँ से ली गई → राहुलोवादसुत्त
  • अशोक के व्यक्तिगत जीवन की जानकारी किससे मिलती है→ अशोक के लघु शिलालेखों से
  • किस काल में बलि एक प्रकार का धार्मिक कर था → मौर्य काल
  • मौर्य काल में मलमल के लिए बंग तथा रेशम के लिए क्या विख्यात था → पुण्ड्र
  • मौर्य काल में रेशम का आयात कहाँ से होता था→ चीन
  • कौटिल्य ने समुद्री मार्गों का उल्लेख किस नाम से किया → संयानपथ
  • मौर्यकाल में कौन-कौन से धर्म प्रचलित थे→ वैदिक, बौद्ध, जैन, आजीवक
  • किस काल में ब्राह्मणों को राज्य की ओर से भूमि दान में मिलती थी → मौर्य काल
  • राजकीय भूमि से प्राप्त आय को क्या कहा जाता था → सीता
  • किस काल में कृषकों को सिंचाई कर भी देना होता था→ मौर्य काल
  • मौर्य साम्राज्य में प्रतिवर्ष होने वाली जनगणना कार्य के विभाग का नाम क्या → मर्दुमशुमारी
  • कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में कितने प्रकार के दासों का उल्लेख किया है → 9
  • मेगस्थनीज ने भारतीय समाज को कितनी जातियों (भागों) में बाँटा → 7
  • लिपिक क्या कहलाता था → तत्पुरुष (लेखक)
  • मौर्यकालीन कर आयुधीय का स्रोत क्या था → सैनिक आपूर्ति
  • गुल्म कर का स्रोत क्या था→ सैनिक कर
  • निष्क्रम्य कर का स्रोत क्या था→ निर्यात कर
  • मौर्य काल में प्रचलित 36 शिल्प की जानकारी किससे मिलती है → महावस्तु
  • चोर को पकड़ने वाले को क्या कहते थे→ चोररज्जु
  • लेखा अधिकारी क्या कहलाता था→ करणिक
  • हाथियों की रक्षक क्या कहलाता था → नागवनपाल
  • खुदरा बाजार प्रबंधक क्या कहलाता था→ पण्याधिष्टाधार
  • पशुओं की रक्षा के लिए कौन-सा कर लिया जाता था → विवीत
  • सिंचाई कर को क्या कहते थे → उदक भाग
  • आयकर को क्या कहते थे → वारिका देय
  • आपातकालीन कर को क्या कहा जाता था → प्रणय

  • सेना रख-रखाव (सेना के प्रमाण के लिए तेल तथा चावल के रूप में) कौन-सा कर था → सेनाभक्तम
  • विशेष अवसरों पर राजा को दी जाने वाली भेंट को क्या कहते थे → औपायनिक
  • अधिक लाभ होने पर व्यापारियों से कौन-सा कर लिया जाता था → पाश्र्व
  • सरकारी जलाशयों से नीचे की भूमि पर लगाया जाने वाला कर कौन-सा था → कौष्ठे यक
  • सरकारी भूमि पर पशुओं द्वारा की गई हानि के हर्जाने के रूप में कौन-सा कर था→ परिहीनक
  • चन्द्रगुप्त मौर्य के लिए वृषल तथा कुलहीन शब्द किस ग्रंथ में उल्लिखित हैं → मुद्राराक्षस
  • बौद्ध साहित्य महावंश व दिव्यावदान में इसे क्या कहा गया है → क्षत्रिय
  • मयूर पोषकों के सरदार का दोहित्र चन्द्रगुप्त मौर्य का उल्लेख कहाँ पर है→ हरिभद्र टीका, पुण्याश्रव कशा कोश
  • मौर्यकालीन स्तूप जिसकी चोटी चपटी तथा उसके ऊपर रखे धातु पात्र को क्या कहते थे→ हर्मिका
  • हर्मिका के बीच में स्तूप पर क्या लगी होती थी → यष्टि
  • यष्टि के ऊपर तीन की संख्या में लगे होते थे, क्या कहलाते थे→ छत्र
  • चन्द्रगुप्त मौर्य का शासनकाल कौन-सा था → 323-295 ई.पू.
  • मेगस्थनीज ने तत्कालीन भारत का उत्तर से दक्षिण की ओर विस्तार कितना बताया → 32,000 स्टेडिया
  • चन्द्रगुप्त मौर्य की दक्षिण विजय की जानकारी किन तमिल ग्रंथों से मिलती है→ अहनानूरु व पुरनानुरु
  • जैन परंपरा के अनुसार उसने कितने वर्ष शासन के बाद संन्यास धारण किया → 24 वर्ष
  • बिंदुसार का शासनकाल कौन-सा था → 298-272 ई.पू.
  • जैन धर्म के अनुसार बिंदुसार की माँ कौन थी → दुर्धरा
  • डॉ. रोमिला थापर ने इसे क्या माना है → वैश्य
  • चन्द्रगुप्त ने किसके साथ विवाह किया → सेल्यूकस की पुत्री
  • 1846 में इंडिका को किसने संग्रहित किया → शानबैक
  • इस पुस्तक को नया नाम क्या दिया गया → मेगस्थनीज इंडिका
  • मेगस्थनीज ने तत्कालीन भारत का पूर्व से पश्चिम विस्तार कितना बताया→ 28,000 स्टेडिया
  • बिंदुसार ने सीरियाई राजा एंटियोकस प्रथम से कौन-सी तीन चीजें मैगाई थी→ मीठी मदिरा, सुखी अंजीर, एक दार्शनिक (सोफिस्ट)

  • इन तीनों चीजों में सीरियाई नरेश ने कौन-सी वस्तु नहीं भिजवाई → दार्शनिक (सोफिस्ट)
  • अशोक ने शाक्यकुलीन विदिशा की किस राजकुमारी से विवाह किया → महादेवी
  • बिंदुसार के विभिन्न नामों में अमित्रकेटे का उल्लेख किस ग्रंथ में है → यूनानी
  • बिंदुसार के अमित्रघात (दुश्मनों की हत्या करने वाला) नाम का उल्लेख किस ग्रंथ में है → संस्कृत
  • पौराणिक अनुश्रति में बिंदुसार के लिए क्या शब्द मिलते हैं → नंदसार व भद्रसार
  • किस ग्रंथ में इसे बिंदुपाल नाम दिया गया है→ चीनी
  • बौद्ध ग्रंथों के अनुसार बिंदुसार की 16 रानियों में प्रमुख कौन थी → सुभ्रदांगी
  • बिंदुसार के दरबार में कौन-सा यूनानी राजदूत आया था → डाइमेकस
  • मिस्र के शासक ने राजदूत को भारत भेजा → डायोनिसस
  • बिंदुसार का बिंदुपाल नाम का उल्लेख किस चीनी साहित्य में है→ फाथ्योन चुलीन
  • बिंदुसार का भद्रसार नाम किस ग्रंथ में उल्लिखित है→ वायु पुराण
  • सिंहसेन नाम किस ग्रंथ में उल्लिखित है→ जैन ग्रंथ
  • भाब्रु अभिलेख में अशोक की किस उपाधि का उल्लेख है→ मगध का राजा
  • जूनागढ़ अभिलेख में इसे क्या नाम दिया गया → अशोक मौर्य
  • बिंदुसार के अमित्रखण्ड (दुश्मनों को खाने वाला) नाम का उल्लेख किस→ संस्कृत
  • बिंदुसार को मित्रचट्टम नाम किसने दिया → एथेनीयस
  • बिंदुसार को आल्लीट्रांड्स नाम किसने दिया → स्ट्रेबो
  • बिंदुसार को सीमसेन नाम किसने दिया → राजबानीकध
  • फौजदारी न्यायालय का न्यायाधीश कौन होता था→ प्रदेष्टा
  • नगर-रक्षा का अध्यक्ष क्या कहलाता था→ नायक
  • नगर का कोतवाल (नागरक) क्या कहलाता था→ पौर
  • प्रमुख न्यायाधीश क्या कहलाता था→ व्यावहारिक
  • उद्योगों एवं कारखानों का अध्यक्ष कौन होता था→ कर्मान्तिक
  • पुलिस एवं अनुशासन विभाग का अध्यक्ष कौन होता था→ दण्डपाल
  • पुराण में इसे किस नाम से संबोधित किया गया→ अशोक वर्धन
  • कौटिल्य के अर्थशास्त्र में मंत्रियों के लिए कौन-सा शब्द आया है→ तीर्थ
  • मंत्रियों (तीर्थ) की संख्या कितनी बताई है → 18
  • राजदरबार, सीमा तथा अन्य राजकीय द्वारों का संरक्षक क्या कहलाता था→ दौवारिक
  • अंतःपुर का अध्यक्ष कौन होता था → अंतर्वेदिक
  • आय का संग्रहकर्ता क्या कहलाता था → सन्निधाता
  • कारागारों का अध्यक्ष कौन होता था→ प्रशास्ति
  • कारागार का अध्यक्ष क्या कहलाता था → बंधनागाराध्यक्ष
  • आबकारी विभाग का अध्यक्ष क्या कहलाता था → सुराध्यक्ष
  • वेश्याओं का निरीक्षक क्या कहलाता था → गणिकाध्यक्ष
  • कताई-बुनाई का अध्यक्ष क्या कहलाता था → सूत्राध्यक्ष



  • गोदाम का अध्यक्ष क्या कहलाता था→ कोष्टागाराध्यक्ष
  • राजकीय दुर्गरक्षकों का अध्यक्ष कौन था → दुर्गपाल
  • सीमावर्ती दुर्गों का रक्षक कौन कहलाता था → अंतपाल
  • इनमें पुरोहित, प्रधानमंत्री तथा सेनापति को कितना वार्षिक वेतन मिलता था → 48,000 पण
  • समाहर्ता तथा सन्निधाता को वार्षिक वेतन कितना मिलता था → 24,000 पण
  • कौटिल्य के अर्थशास्त्र में खान एवं धातुकर्म नियंत्रक को क्या कहते थे→ अकाराध्यक्ष
  • लेखा नियंत्रक क्या कहलाता था → अक्षपटलाध्यक्ष
  • आयुध-विभाग का अध्यक्ष क्या कहलाता था→ आयुधागाराध्यक्ष
  • राज्य व्यापार नियंत्रक कौन होता था → पण्याध्यक्ष
  • बंदरगाह नियंत्रक कौन होता था→ पत्तनाध्यक्ष
  • पैदल सेनाध्यक्ष क्या कहलाता था → पत्याध्यक्ष
  • माप-तौल नियंत्रक कौन होता था → पौतवाध्यक्ष
  • निजी व्यापार नियंत्रक कौन होता था → संस्थाध्यक्ष
  • वन उत्पादों का अध्यक्ष कौन होता था → कृप्यायक्ष
  • टकसाल का प्रमुख कौन होता था → लक्षणाध्यक्ष
  • नमक आयुक्त क्या कहलाता था → लवणाध्यक्ष
  • सर्वेक्षण एवं समयपालक कौन होता था → मनाध्यक्ष
  • पासपोर्ट विभाग का अध्यक्ष कौन होता था → मुद्राध्यक्ष
  • जहाज वाहन नियंत्रक कौन होता था → नावाध्यक्ष
  • वेश्या प्रमुख को क्या कहते थे → गणिका
  • महावत क्या कहलाता था → हस्तिपक
  • कार्य अधिकारी क्या कहलाता था → कार्मिक
  • नदी रक्षक क्या कहलाता था → नदीपाल
  • भंडारपाल क्या कहलाता था → निधायक (निविग्रह)
  • राजसी भूमि का अध्यक्ष क्या कहलाता था→ सीताध्यक्ष
  • पशुओं का रक्षक एवं बूचड़खाना नियंत्रक कौन होता था→ सुनाध्यक्ष
  • चारागाह नियंत्रक कौन होता था→ विविताध्यक्ष

  • धातु विभाग का अध्यक्ष कौन होता था → लोहाअध्यक्ष
  • सोने के विभाग का अध्यक्ष क्या कहलाता था → सुवर्णाध्यक्ष
  • उद्योग एवं शिल्प कार्य का निरीक्षण किस समिति के अधीन था → प्रथम समिति
  • विदेशियों की देखरेख किस समिति के अधीन थी→ द्वितीय समिति
  • जन्म-मरण का विवरण रखना किस समिति के अधीन था → तृतीय समिति
  • व्यापार एवं वाणिज्य की देखभाल किस समिति के अधीन थी → चतुर्थ समिति
  • निर्मित वस्तुओं के विक्रय का निरीक्षण किस समिति के अधीन था → पंचम समिति
  • परिचायक क्या कहलाता था→ परिकार्मिक
  • मुद्रा निरीक्षक क्या कहलाता था→ रूपदर्शक
  • सीमापाल क्या कहलाता था→ सौमिक
  • लेखपाल क्या कहलाता था→ संख्यात्मक
  • अधीनस्थ अधिकारी क्या कहलाता था → उपायुक्त
  • मेगस्थनीज द्वारा वर्णित पाटलिपुत्र शासन के लिए 30 सदस्यीय कितनी समितियों का वर्णन किया गया है → छः
  • यातायात एवं रसद की व्यवस्था किस समिति के अधीन थी→ द्वितीय
  • पैदल सैनिकों की देख-रेख किस समिति के अधीन थीं → तृतीय
  • अश्वारोही सेना की देख-रेख किस समिति के अधीन थी → चतुर्थ
  • बिक्री कर वसूल करना किस समिति के अधीन था→ षष्ठम समिति
  • मौर्यकालीन सैन्य प्रणाली में सेनानायक को कितना वार्षिक वेतन मिलता था → 12,000 पण
  • सेना की व्यवस्था किस समिति के अधीन थी → प्रथम
  • हाथियों की सेना का रख-रखाव किस समिति के अधीन था → पंचम
  • रथ सेना की देख-रेख किस समिति के अधीन थी → षष्ठम

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