मोर्योत्तर काल से संबंधित प्रश्न उत्तर

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  • पतंजलि ने पाणिनी की रचना अष्टाध्यायी पर कौन-सा ग्रंथ लिखा → महाभाष्य
  • प्रतिज्ञायोगंधरायण नाटक की रचना संस्कृत के किस प्रसिद्ध कवि ने की → भास
  • बुद्धचरितम् महाकाव्य किसने लिखा → आचार्य अश्वघोष
  • मृच्छकटिक नाटक किसने लिखा → कवि शूद्रक
  • नाट्यशास्त्र की रचना किसने की → भरतमुनि
  • कामसूत्र की रचना किसने की → वात्स्यायन
  • किसे भारत का आईंस्टाइन कहा जाता है → नागार्जुन
  • बेरिनिस नगर की स्थापना किसने की थी → टॉलेमी फिलाडेल्फस
  • किस संहिता में यवन को बर्बर कहा गया है→ गार्गी संहिता
  • वाकाटक किस देवता के भक्त थे → शैव
  • निकेल मिश्रित ताँबे का सिक्का चलाने का श्रेय किसे है → अगाथोक्लीज
  • किसके सिक्के पर पहली बार तिथि दर्ज की गई → जीव दामन
  • किस क्षेत्र में अजंता शाखा सातवाहनों से प्रारंभ होती है → चित्रकला
  • विदिशा में गरुड़ स्तंभ की स्थापना किसने की थी → हेलियोडोरस
  • शक शासकों के भारतीय गवर्नरों को क्या कहा जाता था → क्षत्रप
  • गोण्डोफर्निज के शासन काल में कौन ईसाई धर्म प्रचारक भारत आया था → सेंट थॉमस
  • सातवाहन काल का प्रसिद्ध बंदरगाह कौन-सा था → भड़ौच
  • अंतिम भारतीय यूनानी सम्राट कौन था → हर्मियस
  • सातवाहन प्रशासन में जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासक कौन था → गौल्मिक
  • खजांची के पद पर सातवाहन प्रशासन में कौन अधिकारी नियुक्त होता था → हेरेनका
  • भगवतगीता किस संप्रदाय का मुख्य धर्म-ग्रंथ था → भागवत
  • पशुबलि के पक्ष में कौन नहीं थे → भागवत लोग
  • भविष्य पुराण में सूर्य की पूजा के लिए किन्हें बुलाया गया → मग ब्राह्मणों को
  • किस शासक के सिक्कों पर सूर्य की प्रतिमा है → कनिष्क
  • तत्कालीन सूर्य के मंदिरों के खंडहर कहाँ मिलते हैं → कश्मीर व अल्मोड़ा
  • जैन दिगंबर संप्रदाय का गुरु कौन था → शिवभूति
  • द्वैध-शासन प्रथा की शुरूआत किस शासन काल में हुई थी → कृषाणों के
  • सामंतीकरण की प्रक्रिया किस काल से आरंभ हुई → कुषाण काल

  • पेरिप्लस के अनुसार दासों का व्यापार कहाँ होता था → फारस की खाड़ी से भृगुकच्छ में
  • कुषाण काल में कौन-से व्यापारिक संगठन थे → निगम, पूग श्रेणी, सार्थवाह
  • उरैयूर तथा अरिकमेडु किस प्रकार के उद्योग केंद्र थे → सूतीवस्त्र
  • चाँदी, ताँबा तथा शीशा से कौन-सा सिक्का चलाया जाता था→ कार्षापण
  • तैलिक चक्र पहिए का उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है→ दिव्यावदान
  • भरहुत का प्रसिद्ध स्तूप किस काल में बना → शुंग काल
  • किस काल में अजंता की कुछ गुफाएँ बनीं → शुंग काल
  • भारत के व्यापारी चीन से रेशम खरीदकर कहाँ पहुँचाते थे→ रोम
  • मिलिंदपन्हो में कितने व्यवसायों का विवरण है → 750
  • मध्यकाल के आरंभ में चोल राज्य क्या कहलाता था → चोलमंडलम् (कोरोमंडल)
  • किस शासक ने कावेरी के तट पर पुहार की स्थापना की → करिकाल
  • पट्टिनप्पालै के लेखक को करिकाल ने कितनी स्वर्ण मुद्राएँ उपहार में दीं → एक लाख साठ हजार
  • चेर वंश के उदयिन जेरल को अन्य किस नाम से पुकारा जाता है → लाल चेर
  • किस चेर शासक ने पत्तिनी या कण्णगी पूजा प्रारंभ की → उदयिन जेरल
  • उरैयूर का कौन-सा व्यापार प्रसिद्ध था → कपास
  • किस वंश के लोग मृतकों को धान चढ़ाते थे → चेर वंश
  • गुणाढ्य ने वृहत्कथा की रचना किस भाषा में की→ पैशाची
  • किस ग्रंथ में पुत्र को संसार सागर पार करने वाली तरिणी कहा है → ऐतरेय ब्राह्मण
  • कुषाण शासक हुविष्क ने हविष्क नगर कहाँ बसाया → कश्मीर
  • पांड्यों का उल्लेख सर्वप्रथम किस विदेशी यात्री ने किया था → मेगस्थनीज
  • पांड्य राज्य का प्रतीक चिन्ह क्या था → मछली
  • सागर पूजा प्रथा का आरंभ किसने किया → नेडियोन
  • किस कहानी के समाप्त होने पर मणिमेखलै की कहानी आरंभ होती है → शिल्पादिकारम्
  • किस महाकाव्य में कापालिक शैव धर्म का उल्लेख है → मणिमेखलै

  • जीवक चिंतामणि महाकाव्य किस महा कवि जैन मुनि द्वारा लिखा गया → तिरुतक्कदेवर
  • संगम युग में प्यार की कविता क्या कहलाती थी → अंगम
  • संगम युग में पुरम किसे कहते थे→ युद्ध की कविता
  • संगम युग में विवाह कब संपन्न होता था → शुक्ल पक्ष
  • शवदाह की प्रथा किस वंश में शुरू हो गई थी→ चेर वंश
  • संगम युग में सभी शासक किस प्रकार की सेना रखते थे → पेशेवर सैनिक
  • किस युग में शत्रु की फसलों को नष्ट कर देने का विधान था→ संगम युग
  • किल्कनक्कु अर्थात् 18 लघु ग्रंथ किस प्रकार के हैं→ उपदेशात्मक
  • शिल्पादिकारम् का अर्थ क्या है → नूपुर की कहानी
  • दिव्यावदान के अनुसार शुंग किसके वंशज थे → मौर्य
  • भारत आये विदेशी आक्रमणकारी यवन कौन विदेशी थे→ बैक्ट्रियन
  • पहलव कौन विदेशी थे → पार्थियन
  • शक कौन विदेशी थे → सीथियन
  • कुषाण कौन विदेशी थे→ यू-ची
  • संगम युग में ‘को’ शब्द किनके लिए प्रयोग होता था → राजा तथा भगवान
  • किसके लिए नागर, कोट्टम, पुरई और कोली शब्दों का प्रयोग होता था → मंदिर
  • बलावन, किल्लि, सोम्बिदास तथा नेई किन्हें कहा जाता था→ चाल
  • शुंग वंशी पारसीक थे तथा मित्र (सूर्य) के उपासक थे, किसने कहा है → पं. हरप्रसाद शास्त्री
  • शृंगों की उत्पत्ति भारद्वाज गौत्र के ब्राह्मण से किसने बताई है → महर्षि पाणिनी
  • किसके अनुसार अग्निमित्र को बैम्बिक कुल का बताया → मालविकाग्निमित्र
  • भागवत् का कौन-सा शासनकाल रहा → 114-83 ई.पू.
  • देवभूति प्रथम का कौन-सा शासनकाल रहा→ 82-73 ई.पू.
  • कण्व वंश के शासक वासुदेव का कौन-सा शासनकाल रहा→ 73-64 ई.पू.
  • भूमिमित्र का कौन-सा शासनकाल रहा → 64-50 ई.पू.
  • नारायण का कौन-सा शासनकाल रहा → 50-38 ई.पू.
  • सुशर्मा प्रथम का कौन-सा शासनकाल रहा→ 38-28 ई.पू.

  • शृंगकालीन शासक पुष्यमित्र का कौन-सा शासनकाल रहा→ 185-149 ई.पू.
  • अग्निमित्र का कौन-सा शासनकाल रहा→ 148-140 ई.पू
  • वसुज्येष्ठ का कौन-सा शासनकाल रहा → 140-133 ई.पू.
  • वसुमित्र का कौन-सा शासनकाल रहा → 133-123 ई.पू.
  • भद्रक का कौन-सा शासनकाल रहा → 123-114 ई.पू
  • लम्बोदर, आपलक का कौन-सा शासनकाल रहा → 111 ई.पू. से 20 ई.
  • कुंतल शातकर्णी आदिहाल का कौन-सा शासनकाल रहा→ 20-24 ई.
  • गौतमीपुत्र शातकण का कौन-सा शासनकाल रहा→ 70-95 ई. में
  • वाशिष्ठीपुत्र सामि श्री पुलुमावि द्वितीय का कौन-सा शासनकाल रहा → 96-119 ई.
  • वाशिष्ठीपुत्र श्री शातकर्णी का कौन-सा शासनकाल रहा→ 120-149 ई.पू.
  • शिव श्री पुलुमावि का कौन-सा शासनकाल रहा → 150-156 ई.
  • श्री शिवखंड शातकर्णी का कौन-सा शासनकाल रहा → 157-159 ई.
  • श्री यन का शासनकाल कौन-सा रहा → 160-189 ई.
  • चेदि वंश का संस्थापक था → महामेघवाहन
  • सातवाहन वंश के शासक सिमुक का कौन-सा शासनकाल रहा → 235-212 ई.पू.
  • कान्ह/कृष्ण का कौन-सा शासनकाल रहा → 212-195 ई.पू.
  • शातकर्णी प्रथम का कौन-सा शासनकाल रहा → 195-186 ई.पू.
  • पूर्णत्संग (वेदि श्री सति श्री) का कौन-सा शासनकाल रहा → 186-166 ई.पू.
  • शातकर्णी द्वितीय का कौन-सा शासनकाल रहा → 166-111 ई.पू.
  • आभीर वंश का संस्थापक कौन था → ईश्वरसेन
  • 248-49 ई. में कलचुरि चेदि संवत की स्थापना किसने की → दुश्वरसेन
  • ईश्वाकु वंश का संस्थापक कौन था → श्रीशान्तमूल
  • पुराणों में किसे श्रीपर्वतीय तथा आंध्रभृत्य कहा गया है → श्रीशान्तमुल
  • चाटुशातकर्णी वंश का अंत किनके द्वारा किया गया → कदंबों
  • मालविकाग्निमित्र के अनुसार अग्निमित्र किस वंश का था → बैम्बीक
  • खारवेल किस वंश से संबद्ध था → चेदि
  • कलिंगाधिपति तथा कलिंग चक्रवर्ती की उपाधि किसने धारण की → खारवेल
  • नंदराज द्वारा खुदवाई गई नहर का विस्तार तनुसुलि से कलिंग तक किसने → खारवेल
  • सातवाहनों की राष्ट्रभाषा कौन-सी थी → महाराष्ट्री प्राकृत
  • इण्डोग्रीक प्रशासन में क्षेत्र विशेष के शासक को क्या कहा जाता था → मेरीदर्ख
  • पतंजलि के अनुसार मथुरा किस प्रकार के वस्त्र का निर्माण केंद्र था → साटक

  • मनुस्मृति में विधिवत् पुनर्विवाह करने वाली स्त्री को क्या नाम दिया गया है → पुनर्भु
  • नियोग से उत्पन्न पुत्र को क्या कहा गया है → क्षेत्रज
  • परे पुरुष से जन्मा पुत्र क्या कहलाता है → कनिन
  • स्वयं अपनी पत्नी द्वारा जन्मा पुत्र क्या कहलाता है → औरस
  • महापाषाण शब्द का प्रयोग किसके लिए होता है→ कब्र
  • भिक्षु, सम्राट तथा धर्मराज किस चेदि शासक को कहा जाता था → खारवेल
  • हेलियोडोरस किसका पुत्र था → डायोस (तक्षशिलावासी)
  • महाभाष्य में शकों को क्या कहा गया है → अनिर्वासित शुद्र
  • नहपान का सेनापति कौन था→ उषावदात
  • प्रवरसेन द्वितीय को सेतुबंध लिखने में किसने सहायता की थी → कालिदास
  • वेरिवरशेलिय कोरकै ने कौन-सी उपाधि धारण की → नवरत्न
  • पांड्य वंश का अंतिम शासक कौन था → नल्लीयकोडन
  • चोल वंश का प्रथम शासक कौन था → इलनजेत चेन्नी
  • चोल वंश का सर्वाधिक महत्वपूर्ण शासक, जिसे जले हुए पैरों वाला कहा जाता है, कौन था→ करिकाल
  • करिकाल ने पट्टिनप्पालै के लेखक को कितनी स्वर्ण मुद्राएँ उपहार में दीं → 1,60,000
  • चेर राज्य का प्रतीक चिन्ह क्या था → धनुष
  • चेर वंश का प्रथम शासक कौन था → उदयिन जेरल
  • संगमकालीन पांड्य शासक नेडियोन ने किस प्रथा को आरंभ किया था → सागर पूजा
  • पलशालैमुडुकुडुमी शासक की पलशालै उपाधि का क्या अर्थ है → यज्ञशालाएँ बनवाने वाला
  • नेंदुजेलियन शासक ने निर्दोष कोवलन को हार चुराने पर क्या दंड दिया था → मृत्युदंड
  • बाद में सच्चाई का पता चलने पर नेंदुजेलियन ने क्या किया → आत्महत्या
  • शासक वर्ग को क्या कहा जाता था → अरसर
  • खेत-मजदूर को काम करने वाले निचले वर्ग के लोग क्या कहलाते थे → कैडसियर
  • राजा के जन्मदिन हेतु कौन-सा शब्द प्रयुक्त था → पेरुनल
  • बड़े गाँव क्या कहलाते थे → पेरुर



  • छोटे गाँव क्या कहलाते थे→ सिरुर
  • पुराने गाँव क्या कहलाते थे→ मुडूर
  • जबरन लिए गए उपहार हेतु क्या शब्द था → इराकू
  • उदयिन जेरल को अन्य किस नाम से जाना जाता है → लाल चेर
  • चेर शासक पल्यानैक्षल्केलु कुट्ट्वन ने किन दुर्गों को विजित किया → अगप्पा एवं कोंगू
  • चेर शासक शेनगुट्टवन ने कौन-सी उपाधि धारण की थी → अधिराज
  • संगमकालीन अंतिम चेर शासक कौन था → पेरुनजेरल इम्पोरई
  • संगमकालीन सेनाध्यक्षों को कौन-सी उपाधि दी जाती थी → एनाडि
  • कर वसूल करने वाले को क्या कहा जाता था → वरियार
  • बाजार की जगह को क्या कहते थे → अवनम
  • एनियर कौन थे→ शिकारी जाति
  • मछुआरे क्या कहलाते थे → परादावार
  • रस्सी बनाने वाली जाति क्या कहलाती थी → पुल्लैयन
  • राजधानी का न्यायालय क्या कहलाता था → अवई
  • अतिरिक्त या जबरन वसला आने वाला कर क्या कहलाता था → इरवै
  • याल किसे कहा जाता था → एक प्रकार का वाद्ययंत्र
  • दुश्मनों से लिया जाने वाला कर क्या कहलाता था→ इरई
  • कर को क्षेत्र क्या कहलाता था → वरियम
  • कर्नाटक तट पर स्थित वैजयंती बंदरगाह का नाम क्या है → विजाडोगा
  • केरल तट पर स्थित मुजीरिस बंदरगाह का नाम क्या है → क्रेगनूर
  • आंध्र तट पर स्थित मसूलीपत्तनम बंदरगाह का क्या नाम है → मसालिया
  • पांडिचेरी तट पर स्थित अरिकामेडू को क्या कहा गया है → पोडुका
  • कावेरी तट पर स्थित कावेरीपत्तनम (पुहार) बंदरगाह का क्या नाम है → कमर
  • संगम काल की तीन परिषदों में प्रथम परिषद् तेन मदुरा में स्थित, इसके अध्यक्ष कौन थे → अगस्त्य
  • मौर्योत्तर कालीन सिंधु तट पर स्थित पाटल बंदरगाह का ‘पेरिप्लस ऑफ इरीथियन सी’ में उल्लिखित क्या नाम है → बेरीबेरीकम
  • खंभात तट पर स्थित भरूकच्छ (भड़ौच) का क्या नाम है→ बेरीगाजा
  • महाराष्ट्र तट पर स्थित सूर्पारक का क्या नाम है→ सोपारा
  • मरुदम (मैदानी इलाके) की विशिष्टता क्या थी→ विवाहेत्तर प्रेम
  • शिकारियों की जाति कौन-सी थी→ एनियर
  • प्रेम विवाह क्या कहलाता था → कलाभु
  • माता-पिता द्वारा तय विवाह को क्या कहते थे → करपू
  • द्वितीय परिषद् जो कपाटपुरम में स्थित थी, जिसके अध्यक्ष कौन थे → अगस्त्य एवं तोल्कापियर
  • मदुरा में स्थित तृतीय परिषद् के अध्यक्ष कौन थे → नक्कीरर
  • संगम कालीन क्षेत्र कुरिंजी (पहाड़ी) की विशिष्टता क्या थी → विवाह-पूर्व प्रेम
  • पल्लई (शष्क भूमि) की विशिष्टता क्या थी → प्रेमियों का लंबा विरह
  • राजा की शक्ति को नियंत्रित करने वाली परिषद में मंत्री क्या कहलाते थे → अमैचर
  • जासूस क्या कहलाते थे → ओरार्र

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