निर्मला चौहान का जीवन परिचय | कौन हैं निर्मला चौहान झाबुआ की दो दिन की जिला कलेक्टर

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निर्मला चौहान का जीवन परिचय | कौन हैं निर्मला चौहान झाबुआ की दो दिन की जिला कलेक्टर : मध्य प्रदेश के झाबुआ की कॉलेज की एक लड़की का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. जिसके बाद छात्रा की बहादुरी को देखकर एनएसयूआई ने छात्रा को झाबुआ जिले का महासचिव बनाया है. आदिवासियों के संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति ने लड़की की यूपीएससी की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का जिम्मा भी लिया है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक छात्रा बैरिकेडिंग के पीछे खड़ी नजर आ रही है और कह रही है, ‘हमें कलेक्टर बनाओ, हम बनने को तैयार हैं, सबकी मांगें पूरी होंगी. वायरल हो रहे इस वीडियो को खूब पसंद किया जा रहा है साथ ही लोगों के कई तरह के रिएक्शन भी आने लगे हैं. झाबुआ के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर यह छात्रा अपने साथियों के साथ धरना देने पहुंची थी. उसकी बातें सुनकर लड़कियां एक साथ हंसने लगती हैं। ये लोग अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं कर रहा है। अंतत: वह धरना देने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय आ गई हैं। लड़की यूनिफॉर्म में दिख रही है, जिससे ऐसा लगता है जैसे वह किसी स्कूल या कॉलेज में पढ़ रही हो.

मांग को लेकर कर रही थी छात्राएं प्रदर्शन:-

जानकारी के मुताबिक वायरल हो रहे वीडियो में छात्रा की पहचान निर्मला चौहान के रूप में हुई है। जो आदिवासी परिवार से है। निर्मला अलीराजपुर जिले के खंडाला खुशाल गांव की रहने वाली हैं। आवास भत्ता, छात्रवृत्ति व बस किराए में छूट को लेकर कॉलेज के छात्रों ने कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन किया था। जिसमें निर्मला चौहान भी शामिल थीं। चंद्रशेखर आजाद आदर्श महाविद्यालय व बालिका डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाली करीब 400 छात्राओं ने विभिन्न समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया था. प्रदर्शन में शामिल अधिकतर छात्राएं थी।

कौन हैं वो  सोशल मीडिया पर वायरल ‘शेरनी’:-

सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें कॉलेज की एक छात्रा कहती नजर आ रही है कि ‘सर हमको कलेक्टर बना दो, सबकी मांगे पूरी कर देंगे। आप अगर मांगें पूरी नहीं कर पाएंगे तो किसके लिए बनी है सरकार । छात्रा आगे कहती है कि हम भीख नहीं मांग रहे हैं..हम इतनी दूर से पैसे खर्च कर आते हैं आदिवासी हैं लेकिन हम गरीबों की बात तक नहीं सुनी जा रही है। छात्रा जिस वक्त अपनी आवाज बुलंद कर रही थी तभी किसी ने उसका वीडियो बना लिया जो कि अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सभी लोग छात्रा की तारीफ कर रहे हैं और कुछ तो उसे ‘झाबुआ की शेरनी’ तक कह रहे हैं।



छात्रा ने कहा- 5 मिनट भी धूप में नहीं खड़ा रहने दूंगी:-

वीडियो पर मीडिया से बातचीत में निर्मला ने कहा कि हम इतनी दूर से वहां गए थे. दो-तीन घंटे से बाहर खड़े हैं। कोई अधिकारी बाहर नहीं आ रहा था। इस वजह से मुझे गुस्सा आ गया, कलेक्टर बन गया तो गांव से आने वाली लड़कियों को 5 मिनट भी धूप में खड़ा नहीं होने देता. मैं उनके लिए अपनी पूरी ताकत से काम करूंगा


निर्मला चौहान सोशल मीडिया पर छात्रा के मासूमियत भरे प्रशासन पर यह तीखा तंज अब धमाल मचा रहा है. वहीं कोई प्रतिक्रिया के तौर पर इसे आदिवासी शेरनी बता रहा है तो कोई आदिवासी शेरनी का जौहरी बताकर इसकी तारीफ कर रहा है.

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