बांसवाड़ा जिला दर्शन (Banswara District GK in Hindi)

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Banswara District GK in Hindi:- इसमें आप सभी पाठकों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सभी प्रश्न बांसवाड़ा जिले का सामान्य परिचय, मानचित्र में बांसवाड़ा की स्थिति, बांसवाड़ा जिले की अक्षांश एवं देशांतर स्थिति, क्षेत्रफल, बांसवाड़ा के प्रमुख मेले एवं त्यौहार, बांसवाड़ा के प्रसिद्ध मंदिर, बांसवाड़ा जिले की 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या, साक्षरता, लिंगानुपात, घनत्व के आंकड़े, बांसवाड़ा के पर्यटन स्थल, बांसवाड़ा के दर्शनीय स्थल तथा बांसवाड़ा के खनिज, माही नदी एवं इसके अलावा जितने भी बांसवाड़ा जिले से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य बन सकते थे सभी को शामिल कर लिखा गया है। 

बांसवाड़ा जिले का सामान्य परिचय:-

इस क्षेत्र में प्रचुरता में पाए जाने वाले बांस के पेड़ तथा बांसिया भील द्वारा बसाया जाने के कारण इस क्षेत्र का नाम बांसवाड़ा पड़ा है। कर्क रेखा डूंगरपुर जिले की ऊपरी सीमा को स्पर्श करती हुई बांसवाड़ा के लगभग मध्य से होकर गुजरती है। इसलिए इसका अधिकांश भाग उष्ण कटिबंध के अंतर्गत आता है। राजस्थान के एकीकरण के द्वितीय चरण 25 मार्च 1948 को बांसवाड़ा रियासत का राजस्थान में विलय हुआ था। उस वक्त वहां के शासक चंद्रवीर सिंह थे। जिन्होंने बांसवाड़ा के राजस्थान के एकीकरण में विलय हेतु विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए कहा था कि मैं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूं और बांसवाड़ा का राजस्थान में विलय कर दिया गया।

बांसवाड़ा के प्रमुख उपनाम: वागड़ प्रदेश, आदिवासियों का शहर, सो दीपों का शहर, राजस्थान में मानसून का प्रवेश द्वार।

बांसवाड़ा का नगरी क्षेत्रफल: बांसवाड़ा जिले का नगरी क्षेत्रफल 22 वर्ग किलोमीटर है।

बांसवाड़ा का ग्रामीण क्षेत्रफल: बांसवाड़ा जिले का ग्रामीण क्षेत्रफल 5015 वर्ग किलोमीटर है।



बांसवाड़ा का क्षेत्रफल कितना है: बांसवाड़ा जिले का क्षेत्रफल 5037 वर्ग किलोमीटर है।

बांसवाड़ा की जनसंख्या : बांसवाड़ा जिले की जनसंख्या 1797485 है।

बांसवाड़ा का लिंगानुपात : 980

बांसवाड़ा की साक्षरता दर: 56.3%

बांसवाड़ा में पुरुष साक्षरता दर : 69.5%

बांसवाड़ा में महिला साक्षरता दर : 43.1%

बांसवाड़ा जिले की अक्षांशीय स्थिति: 23 डिग्री 11 मिनट उत्तरी अक्षांश से 23 डिग्री 56 मिनट तक।

बांसवाड़ा जिले की देशांतरीय स्थिति: 73 डिग्री 58 मिनट पूर्वी देशांतर से 74 डिग्री 49 मिनट पूर्वी देशांतर तक।

बांसवाड़ा राजस्थान का सबसे दक्षिणी जिला है। इसके सबसे दक्षिण में स्थित गांव बोरकुंड गांव कुशलगढ़ तहसील का है। बांसवाड़ा की गुजरात तथा मध्य प्रदेश दो राज्यों के साथ स्थलीय सीमा लगती है।

बांसवाड़ा जिले के मेले:-

  • कल्ला जी का मेला : यह मेला बांसवाड़ा जिले के गोपीनाथ का गढ़ा नामक स्थान पर आश्विन सुदी नवरात्रि के प्रथम रविवार को भरता है।
  • गोपेश्वर मेला : यह मेला का घाटोल के निकट बांसवाड़ा में कार्तिक पूर्णिमा को भरता है।
  • मानगढ़ धाम मेला : इस मेले को आदिवासियों का मेला भी कहा जाता है। यह आनंदपुरी के निकट मानगढ़ धाम बांसवाड़ा में मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन लगता है।
  • अंदेश्वर मेला : यह मेला बांसवाड़ा के अंदेश्वर नामक स्थान पर कार्तिक पूर्णिमा को भरता है।
  • घोटिया अंबा मेला : यह मेला घोटिया बारीगामा नामक स्थान पर बांसवाड़ा में चैत्र अमावस्या के दिन भरता है। यह बांसवाड़ा जिले का सबसे बड़ा ग्रामीण मेला है।

बांसवाड़ा जिले के प्रमुख मंदिर:-

  • घोटिया अंबा:- यहां पर अंबा माता के मंदिर के अलावा घोटेश्वर महादेव, पांडव कुंभ और केलापानी पवित्र तीर्थ स्थित है। ऐसा माना जाता है कि वनवास के कुछ दिन पांडवों ने यहां पर व्यतीत किए थे। यहां पर द्रौपदी, कुंती तथा पांच पांडवों की मूर्तियां विराजमान है। यहां चैत्र अमावस्या हो घोटिया अंबाजी का मेला लगता है। घोटिया अंबा से सुरंग के माध्यम से भीमकुंड कुछ ही दूरी पर जुड़ा हुआ है।
  • घुनी के रणछोड़राय जी का मंदिर:- यह बांसवाड़ा में गनोडा के निकट स्थित है। यहां रणछोड़राय जी की प्रतिमा है। यहां पर फाल्गुन शुक्ला एकादशी को मेला लगता है। रणछोड़राय जी को हर मनोकामना पूरा करने वाले तथा फसलों के रक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है।
  • अथुर्णा के मंदिर : इन मंदिरों का निर्माण वागड़ के परमार राजाओं के द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर सप्तायतन शैली से निर्मित है। यहां के अन्य मंदिर नीलकंठ महादेव मंदिर, कुंभेश्वर मंदिर, सोमनाथ का मंदिर, गदाधर का मंदिर कनफटे साधुओं का मंदिर प्रसिद्ध है।
  • त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर: यह बांसवाड़ा जिले के तलवाड़ा के निकट स्थित है। इन्हें “तुरताई माता” के नाम से भी पुकारते हैं। यहां पर प्रतिवर्ष नवरात्र के दिनों में मेला आयोजित होता है। यह पांचालों की कुलदेवी है। त्रिपुरा सुंदरी राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की आराध्य देवी है।
  • कालिंजरा जैन मंदिर: यह जैन धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। बांसवाड़ा में हिरन नदी के किनारे कालिंजरा गांव में स्थित कालिंजरा जैन मंदिर में जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव की मूर्ति लगी हुई है।
  • बांसवाड़ा का ब्रह्मा मंदिर : यह मंदिर 12 वीं सदी में बनवाया गया था। छींछ (बांसवाड़ा) में स्थित ब्रह्माजी के मंदिर में ब्रह्माजी की चतुर्मुखी मूर्ति विराजमान है। इस मूर्ति की स्थापना महारावल जगमाल ने करवाई थी।

बांसवाड़ा के पर्यटन स्थल:-

  • माही बजाज सागर बांध : यह बांध बांसवाड़ा जिले में माही नदी पर माही बजाज सागर परियोजना के अंतर्गत बना हुआ बांध है।
  • घूणी:- माही नदी के किनारे स्थित यह तीर्थस्थल कृष्ण लीलाओं की धाम कहलाता है। यह तीर्थस्थल फसलों के रक्षक देव के रूप में भी प्रसिद्ध है।
  • अब्दुल्ला पीर की मजार : बांसवाड़ा जिले के भगवानपुरा में बोहरा संप्रदाय के संत अब्दुल्ला पीर की प्रसिद्ध मजार स्थित है।
  • पाराहेड़ा:- ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण गाँव में माण्डलिक द्वारा निर्मित मण्डलेश्वर शिव मन्दिर गंगेला तालाब के नजदीक स्थित है।
  • छींछ का ब्रह्मा मंदिर:- यह मंदिर बाहरवी सदी में छींछ ग्राम में बना जिसमें ब्रह्मा की चतुर्मुखी मूर्ति की स्थापना महारावल जगमाल ने की।
  • बागड़ के कल्पवृक्ष : बांसवाड़ा के आनंद सागर क्षेत्र में बांसवाड़ा-रतलाम मार्ग पर स्थित एक उद्यान में दो प्रसिद्ध वृक्ष स्थित हैं जिन्हें कल्पवृक्ष के नाम से पुकारा जाता है।
  • अर्थूणा:- प्राचीन काल में वागड़ के परमार शासकों की राजधानी। यहाँ मण्डलेश्वर महादेव का मंदिर है।
  • सुरवणिया:- पुरातात्त्विक स्थल जहाँ से शक वंश के सिक्के प्राप्त हुए हैं।
  • कलिंजरा के जैन मंदिर:- ये मंदिर हिरण नदी के समीप कलिंजरा ग्राम में स्थित है। ये मंदिर जैनियों की दिगम्बर शाखा के हैं। इनमें प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव की मूर्ति है।
  • भवानपुरा:- बोहरा सम्प्रदाय के संत अब्दुल पीर की मजार।
  • बांसवाड़ा के अन्य पर्यटन स्थल : आनंद सागर झील, डाईलाव झील, पड़ाहेरा, नागेला टैंक, कागदी पिकप वियर, तलवाड़ा, भदारेश्वर, मानगढ़ धाम आदि।

बांसवाड़ा जिले के खनिज:-

  • यूरेनियम का उत्पादन क्षेत्र : कमलपुरा।
  • बांसवाड़ा के अन्य खनिज : ग्रेफाइट तथा माईका है।
  • सोना का उत्पादन क्षेत्र : आनंदपुरी, भूंकिया।
  • मैग्नीस का उत्पादन क्षेत्र : तलवाड़ा, लीलवाणी, नरड़िया।

बांसवाड़ा में माही नदी:-

माही नदी मध्य प्रदेश के विद्यांचल की पहाड़ियों से निकलती हुई बांसवाड़ा के ख़ादू गांव से राजस्थान में प्रवेश करती है। माही नदी को कांठल की गंगा, बागड़ की स्वर्ण रेखा आदि नामों से भी जाना जाता है। यह कर्क रेखा को दो बार काटती है। बांसवाड़ा में बोरखेड़ा नामक स्थान पर माही नदी पर माही बजाज सागर बांध बना हुआ है। यह राजस्थान की एकमात्र ऐसी नदी है जो दक्षिण से प्रवेश करती हुई वापस दक्षिण में निकल जाती है।

बांसवाड़ा के प्रसिद्ध व्यक्तित्व:-

  • यशोदा देवी : यशोदा देवी राजस्थान की प्रथम महिला विधायक की। जो 1953 में बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनी गई थी।
  • गोविंद गुरु : गोविंद गुरु ने 1883 में संप सभा की स्थापना सिरोही जिले में की थी। आदिवासियों में स्वतंत्रता की भावना जागृत करने का श्रेय गोविंद गुरु को जाता है।
  •  हनुमंत सिंह : छोटू के नाम से प्रसिद्ध क्रिकेटर हनुमंत सिंह बांसवाड़ा जिले से संबंधित है।
  • हरिदेव जोशी : जनवरी 1987 में संभागीय व्यवस्था को पुनः शुरू करने वाले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जिनका जन्म खाटू ग्राम में हुआ था।
  • धूलचंद डामोर—राजस्थान के प्रसिद्ध तीरंदाज।

बांसवाड़ा जिले के महत्वपूर्ण प्रश्न:-

  • सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति प्रतिशत वाला जिला कौन सा है – बांसवाड़ा .
  • राजस्थान का सबसे दक्षिणी जिला – बांसवाड़ा।
  • राजस्थान का न्यूनतम दुग्ध उत्पादक जिला कौन सा है – बांसवाड़ा .
  • राजस्थान का सबसे दक्षिण में स्थित बोरकुण्डा गाँव, कुशलगढ़ तहसील में है।
  • बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर के मध्य के भू-भाग को किस नाम से जाना जाता है – मेवल। 
  • राजस्थान का कौनसा जिला गुजरात एवं मध्य प्रदेश दोनों राज्यों की सीमाओं से स्थलीय सीमाएं बनाता है – बांसवाड़ा। 
  • कर्क रेखा बाँसवाड़ा के कुशलगढ़ के बीच से होकर गुजरती है। कर्क रेखा की लम्बाई राजस्थान में लगभग 26 किमी. है।
  • राजस्थान का सर्वाधिक वर्षा वाला दूसरा जिला कौन सा है – बांसवाड़ा।
  • टीमरु—तेदूं के पत्तों से बीड़ी बनाई जाती है, जिसे वागड़ क्षेत्र में टिमरु कहते हैं, ये बाँसवाड़ा में सर्वाधिक है।
  • राजस्थान में सूर्य की सर्वाधिक सीधी किरणें किस जिले पर पड़ती है – बांसवाड़ा। 
  • बाँसवाड़ा की सीमा मध्यप्रदेश व गुजरात दो राज्यों को स्पर्श करती है।
  • दानपुर सुपर थर्मल पावर परियोजना राजस्थान की दूसरी परमाणु ऊर्जा संयंत्र जोकि किस जिले में निर्माणाधीन है – बांसवाड़ा में।
  • छप्पन का मैदान किन दो जिलों के मध्य स्थित है – बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़ के मध्य।
  • बांसवाड़ा में स्थित अन्य जलाशय:— कागदी पिकअप, आनन्द सागर, डाईलाब झील।
  • राजस्थान का सबसे लंबा बांध कौन सा है – माही बजाज सागर बांध।
  • कुक्कुट पालन हेतु कड़कनाथ योजना बाँसवाड़ा में शुरु की गई।
  • माही बजाज सागर बांध किस जिले में स्थित है – बांसवाड़ा जिले में।
  • बाँसवाड़ा में सामुदायिक सहयोग से गृह निर्माण की सांस्कृतिक परम्परा ‘हलमा’ कहलाती है।
  • माही बजाज सागर बांध की लंबाई कितनी है – 3109 मीटर।
  • भीलों द्वारा बोली जाने वाली बोली – वागड़ी/भीली
  • राजस्थान का जलियांवाला बाग हत्याकांड के नाम से प्रसिद्ध मानगढ़ धाम किस जिले में स्थित है – बांसवाड़ा में।
  • बाँसवाड़ा की वालरा/झूमिंग/स्थानान्तरित कृषि अर्थात् जंगलों को काटकर की गई खेती प्रचलित है।
  • माही महोत्सव सर्वप्रथम फरवरी 2008 में किस जिले में आयोजित किया गया – बांसवाड़ा में।
  • बांसवाड़ा में सामुदायिक सहयोग से गृह निर्माण की सांस्कृतिक परंपरा को क्या कहा जाता है – हलमा
  • मुख्यमंत्री B.P.L. आवास योजना की शुरूआत 3 जून, 2011 को बाँसवाड़ा में शुरू की गई।
  • मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना की शुरुआत कब तथा कहां से हुई – 3 जून 2011 को बांसवाड़ा जिले से।
  • बाँसवाड़ा में कोई भी वन्य जीव अभयारण नहीं है।
  • बीड़ी बनाने में प्रयुक्त तेंदू (टिमरू) के पत्ते वाले पेड़ सर्वाधिक किस जिले में पाए जाते हैं – बांसवाड़ा जिले में।
  • बाँसवाड़ा में सागवान के वृक्ष अत्यधिक मिलते हैं अत: बाँसवाड़ा को सागवान का उद्यान भी कहते हैं।
  • छेड़ा फाडऩा—भील समाज में पत्नी को त्यागने की प्रथा।
  • सालिमशाही तथा लक्ष्मणशाही सिक्के किस रियासत के प्रसिद्ध थे – बांसवाड़ा रियासत।

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