Baran District GK in Hindi:- इसमें आप सभी पाठकों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सभी प्रश्न बारां जिले का सामान्य परिचय, बारां जिले की 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या, साक्षरता, लिंगानुपात, घनत्व के आंकड़े, बारां जिले की अक्षांश एवं देशांतर स्थिति, क्षेत्रफल, मानचित्र में बारां की स्थिति, बारां के प्रमुख मेले एवं त्यौहार, बारां के प्रसिद्ध मंदिर, बारां के पर्यटन स्थल, बारां के दर्शनीय स्थल तथा बारां के खनिज, माही नदी एवं इसके अलावा जितने भी बारां जिले से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य बन सकते थे सभी को शामिल कर लिखा गया है।
बारां जिले का सामान्य परिचय:-
30 मार्च 1949 को राजस्थान के गठन यानी की स्वतंत्रता के पश्चात बारां जिला कोटा जिले में शामिल कर दिया गया। कोटा जिले से 10 अप्रैल 1991 को पृथक कर बारां को स्वतंत्र जिला बनाया गया। सहरिया जनजाति सर्वाधिक बारां जिले में है। प्राचीन काल में 12 तालाबों को पाटकर बारां जिले को बनाया गया था। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस भूभाग में 12 गांव आते थे। इसलिए इसको बारां के नाम से पुकारा जाता है। बारां को प्राचीन वराह नगरी के नाम से जाना जाता है। बांरा कालीसिंध, पार्वती व परवन नदियों के बीच स्थित है। बारा जिले से होकर बाणगंगा नदी बहती है जोकि पार्वती की सहायक नदी है।
बारां जिले के महत्वपूर्ण तथ्य (Baran Facts):-
- बारां के पूर्व में मुरैना, शिवपुरी व गुना (मध्यप्रदेश), उत्तर पश्चिम में कोटा तथा दक्षिण झालावाड़ स्थित है।
- बारां का क्षेत्रफल कितना है :6992 वर्ग किलोमीटर
- बारां का नगरीय क्षेत्रफल कितना है : 82.78 वर्ग किलोमीटर
- बारां का ग्रामीण क्षेत्रफल कितना है : 6909.22 वर्ग किलोमीटर
- बारां की तहसीलों की संख्या : 8
- बारां जिले में पंचायत समितियों की संख्या कितनी है : 7
- बारा में ग्राम पंचायतों की संख्या कितनी है : 215
- बारां जिले में उपखंड कार्यालयों की संख्या : 6
- बारां जिले की अक्षांशीय स्थिति : 24 डिग्री 25 मिनट उत्तरी अक्षांश से 25 डिग्री 25 मिनट उत्तरी अक्षांश तक।
- बारां जिले की देशांतरीय स्थिति : 76 डिग्री 12 मिनट पूर्वी देशांतर से 76 डिग्री 26 मिनट तक।
- बारां की साक्षरता दर : 66.7%
- बारां में महिला साक्षरता दर : 52%
- बारा में पुरुष साक्षरता दर : 80.4%
- बारां की कुल जनसंख्या : 1222755
- बारां जिले का लिंगानुपात : 929
- बारां का वन क्षेत्र :- 2202.89 वर्ग किलोमीटर
- बारां में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या चार (4) है, जो निम्न है:– 1. अंता, 2. किशनगंज, 3. बारां-अटरु, 4. छबड़ा
- बांरा-राजस्थान के दक्षिण-पूर्व में हाड़ौती क्षेत्र में आता है।
बारां जिले के मेले:-
- धनुष लीला मेला : यह मेला बारां जिले के अटरू नामक स्थान पर भरता है।
- डोल मेला : यह मेला बारां जिले में डोल तालाब के निकट जलझूलनी एकादशी (भाद्रपद शुक्ला ग्यारस) को भरता है।
- फूलडोल शोभा यात्रा उत्सव : बारां जिले के किशनगंज नामक स्थान पर फाल्गुन पूर्णिमा (होली) को श्रीजी का भव्य मेला भरता है।
- बिजासन माता का मेला : यह मेला बारां जिले के छबड़ा गुगोर नामक स्थान पर माघ सुदी 4,15 को भरता है।
- रामेश्वर महादेव मेला : यह मेला बारां जिले के शाहबाद में फाल्गुन सुदी चौथ को भरता है।
- सीताबाड़ी का मेला : यह मेला सहरिया जनजाति का कुंभ कहलाता है। इस मेले में सहरियाओं का स्वयंवर होता है। यह बारां जिले के सीताबाड़ी केलवाड़ा नामक स्थान पर जेष्ठ अमावस्या को भरता है।
- ब्रह्माणी माता का मेला : यह मेला सोरसन बारां में माघ शुक्ला सप्तमी को भरता है।
बारां जिले के प्रमुख मंदिर:-
- ब्रह्माणी माता का मंदिर : ब्रह्माणी माता कुम्हारों की कुलदेवी है। यह मंदिर बारां के सोरसन के निकट स्थित है, यहां पर ब्रह्माणी माता की पीठ की पूजा की जाती है। यहां पर झालावाड़ के संस्थापक झाला जालिम सिंह ने सीढियाँ बनवाई थी। यहां पर माघ शुक्ला सप्तमी को गधों का मेला लगता है। यहाँ पर देवी के अखण्ड ज्योति जलती है।
- काकुनी मंदिर समूह : यह बारां जिले के छिपाबड़ोद तहसील में मुकुंदरा की पहाड़ियों में परवन नदी के किनारे बने हुए हैं।
- भंडदेवरा मंदिर : यह देवालय पंचायतन शैली का उत्कृष्ट नमूना है। इसे राजस्थान का मिनी खजुराहो तथा हाड़ोती का खजुराहो के उपनाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 10 वीं शताब्दी में मेघवंशी राजा मलयवर्मन द्वारा शत्रु पर अपनी विजय के उपलक्ष में करवाया गया था। 1162 ईस्वी में इस मंदिर के जीर्णोद्धार का निर्माण करवाया गया था।
- शाही जामा मस्जिद : शाही जामा मस्जिद बारां जिले के शाहाबाद में स्थित हैं। यह मस्जिद औरंगजेब के समय की बनी हुई है।
- गड़गच्च देवालिया (अटरू) : यह बारां जिले के अटरू में 10 वीं शताब्दी के आसपास निर्मित गड़गच्च देवालय स्थित है। यहां स्थित फूल देवरा मंदिर को मामा भांजा का मंदिर भी कहा जाता है।
- कल्याण राय (श्रीजी) का मंदिर, बारां:- इसका निर्माण बूँदी की राजमाता राय कुंवर बाई ने करवाया।
बारां जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल:-
- नाहरगढ़ दुर्ग : यह दिल्ली के लाल किले की शैली से निर्मित है। इसमें नेकनाम बाबा की दरगाह स्थित है। यह किशनगंज तहसील बारा में स्थित है।
- सीताबाड़ी : यह केलवाड़ा गांव के निकट बारा में स्थित है। सीताबाड़ी को सहरिया जनजाति का धार्मिक स्थल एवं कुम्भ भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर सहरिया जनजाति द्वारा मृतकों के अस्थिकलश प्रवाहित किए जाते हैं। यहां पर सीता एवं लक्ष्मण का प्राचीन मंदिर एवं वाल्मीकि मंदिर भी स्थापित है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम द्वारा सीता माता का त्याग किये जाने पर सीता माता यही सीताबाड़ी में आकर रही थी और लव कुश को जन्म दिया था। सीताबाड़ी के कुण्ड में अस्थियों के विसर्जन का संस्कार धारी संस्कार कहलाता है।
- बाबाजी बाग, मांगरोल : मांगरोल बारा में बाबाजी बाग का निर्माण शहीद पृथ्वी सिंह हाड़ा की स्मृति में करवाया गया था।
- शाहाबाद दुर्ग : इस दुर्ग का निर्माण चौहान राजा (मुक्तामन) मुकुटमणिदेव द्वारा मुकुंदरा की श्रेणी की भांति पहाड़ी पर करवाया गया था।
- शेरगढ़ वन्य जीव अभ्यारण : स्थापना 30 जुलाई 1986 को बारां जिले में की गई थी। यह अभ्यारण्य सांपों की शरण स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। यह अभ्यारण्य मुख्यतः लोमड़ी, बघेरा, सांभर, चीतल आदि के लिए प्रसिद्ध। इस अभयारण्य से होकर परवन नदी गुजरती है।
- बारा जिले के अन्य पर्यटन स्थल : कृष्ण विलास, कपिलधारा तीर्थ, लक्ष्मी नारायण मंदिर, कल्याणराय श्रीजी का मंदिर, शाही जामा मस्जिद, काकुनी मंदिर समूह , शेरगढ़ दुर्ग, काकोली पूरास्थल।
बारां जिले की नदियां:-
- परवन नदी : परवन नदी मध्यप्रदेश के मालवा के पठार से निकलती हुई झालावाड़ की खरीबोर से राजस्थान में प्रवेश करती है। झालावाड़ से बहती हुई रामगढ़ (कोटा) में कालीसिंध नदी में मिल जाती है। इस नदी पर बारां जिले में परवन परियोजना शुरू की गई।
- पार्वती नदी : यह नदी मध्य प्रदेश के सीहोर में विंध्य पर्वत श्रेणी से निकलकर राजस्थान में बारां जिले के करयाहट नामक स्थान से प्रवेश करती है। बारां जिले में बहती हुई कोटा में प्रवेश करती है तथा पालिया (कोटा) नामक स्थान पर चंबल नदी में मिल जाती हैं। पार्वती नदी बेसिन राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों के बीच प्राकृतिक सीमा का निर्माण करती है।
- बांरा की अन्य नदियाँ :- ल्हासी, कूकू या कूनू, रेतम आदि है।
- बांरा के अन्य जलस्रोत:- हिण्डलोत, बैथली परियोजना, अँधेरी, परवन लिफ्ट परियोजना।
बारां जिले के महत्वपूर्ण प्रश्न:-
- सोरसेन (बारां):- गोडावण के लिए प्रसिद्ध यह शिकार निषेध क्षेत्र है। यहाँ पर हिरणों की आबादी भी तेजी से बढ़ी है।
- बैँथली परियोजना एवं अंधेरी परियोजना किस जिले में स्थित है – बारां जिले में।
- ब्रह्माणी माता का एकमात्र मंदिर जहां देवी की पीठ की पूजा की जाती है कहां स्थित है – सोरसन बारां में।
- जमनापरी नस्ल की बकरियाँ बारां की प्रसिद्ध हैं।
- राजस्थान का सर्वाधिक मसाला उत्पादक जिला कौन सा है : बारां।
- सहरिया विकास कार्यक्रम:- इसमें बारां के शाहबाद व किशनगंज पंचायत समितियों के 435 गाँवों को शामिल किया गया है। इसकी शुरूआत 1977-78 में जनता पार्टी सरकार द्वारा की गई।
- राजस्थान की पहली लहसुन मंडी किस जिले में स्थित है : छिपाबड़ोद (बारा) में।
- प्राकृतिक गैस पर आधारित विद्युत संयन्त्र-अंता (बारां)।
- राजस्थान का मिनी खजुराहो किसे कहा जाता है : भंडदेवरा (बारां) को।
- सहरिया जनजाति राजस्थान में सर्वाधिक शाहबाद व किशनगंज में निवास करती है।
- ल्हासी सिंचाई परियोजना किस जिले में स्थित है : बारां जिले में।
- माँ बाड़ी योजना:- सहरिया जनजाति की शिक्षा हेतु 2000 ई. में प्रारंभ।
- उम्मेदसागर एवं सीताबाड़ी कहां स्थित है – बारा में।
- तपसी की बावड़ी एवं औसतीजी की बावड़ी कहां स्थित है – शाहाबाद कस्बे में बारां में।
- सहरिया परिवारों को जंगलों से जोडऩे के लिए सहरिया वन क्लोजर योजना चलाई जा रही है।
- कवई विद्युत परियोजना किस जिले में स्थित है – बारां में।
- शेरगढ़ दुर्ग का पूर्व में नाम कोषवर्धन दुर्ग था जिसे शेरशांह सूरी ने बदलकर ‘शेरगढ़’ रखा।
- सुपरक्रिटिकल तापीय विद्युत गृह (राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा बिजली घर) कहां स्थित है – मोतीपुरा चौकी गांव छबड़ा (बारा) में।
- रामगढ़:- यहाँ लौहा और चुम्बकीय गुण वाले पत्थर मिले हैं। रामगढ़ को नासा (NASA) ने एस्ट्रोब्लीम अर्थात् ‘तारों द्वारा दिया गया घाव’ माना है।
- शाहबाद दुर्ग जिसे सलीमाबाद दुर्ग भी कहा जाता है कहां स्थित है – बारा में।
- मसूरिया साड़ी के लिए प्रसिद्ध स्थान बारां में है।
- यशवर्धन किला जलदुर्ग की श्रेणी में आता है परवन नदी पर बारां में स्थित है।
- राजस्थान का प्रथम बायोमास संयन्त्र भावगढ़ बाँध (बारां) पर स्थित है।
- सहरिया परिवारों को जंगलों से जोड़ने के लिए सहरिया वन क्लोजर योजना चलाई गई।
- मसूरिया साड़ी कहां की प्रसिद्ध है – बारां की।
- राज्य का तीसरा सबसे बड़ा बिजलीघर ‘छबड़ा’ (बारां) में स्थित है।
- थानेदार नाथू सिंह की छतरी कहां स्थित है – शाहबाद बारां में उमेद सिंह द्वारा निर्मित।
- राजस्थान में अफीम की खेती के लिए बारां प्रसिद्ध है।
- प्राकृतिक गैस पर आधारित विद्युत संयंत्र अंता (बारां) में स्थित है।
इसमें आप सभी पाठकों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सभी प्रश्न बारां जिले का सामान्य परिचय, बारां जिले की 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या, साक्षरता, लिंगानुपात, घनत्व के आंकड़े, बारां जिले की अक्षांश एवं देशांतर स्थिति, बारां के पर्यटन स्थल, बारां के दर्शनीय स्थल तथा बारां के खनिज, बारां के प्रमुख मेले एवं त्यौहार, क्षेत्रफल, मानचित्र में बारां की स्थिति, बारां के प्रसिद्ध मंदिर, माही नदी एवं इसके अलावा जितने भी बारां जिले से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य बन सकते थे सभी को शामिल कर लिखा गया है।
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