विश्व युद्ध अनाथ दिवस | World Day of War Orphans 2022 in Hindi

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विश्व युद्ध अनाथ दिवस :- हर साल 6 जनवरी को मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य विश्व युद्ध के दौरान अनाथ हुए अनगिनत बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में हर तरह से योगदान देना है। आदि। विश्व युद्ध अनाथ दिवस की शुरुआत सबसे पहले फ्रांसीसी संगठन, SOS Enfants en Detres द्वारा की गई थी। यूनिसेफ के का मानना था की पूर्वोत्तर में लगभग 9,00,000 से अधिक बच्चे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अनाथ हो गए थे और उनका भविष्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ हैं।ओर आज भी चल रहे अनेक देशों में युद्धों में अनाथ हुए बच्चो के पास ना तो शिक्षा की व्यवस्था रही ना ही उनके लिए भोजन और ना ही घर हैं। यो ऐसे अनाथ बच्चो के लिए विश्व युद्ध अनाथ दिवस का प्रारम्भ किया है। ताकि इन बच्चो के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके ओर उन्हें युद्ध और महामारी जैसे मानसिक-उत्पीड़न से बाहर लाया जा सके। ऐसे कई कारणों को ध्यान में रखते हुए युद्ध की विभीषिका से अनाथ बच्चों, वृद्धों और विधवाओं की क्या स्थिति है और यदि भविष्य में ऐसा दोबारा नहीं होता है, तो स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी ने यह विचार अपनी ज्ञान कविता के माध्यम से कहा है।

विश्व युद्ध अनाथ दिवस क्यों मनाया जाता हैं ?

यह दिन उन बच्चों को संबोधित करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने युद्ध में अपने माता-पिता को खो दिया है।इस दिन का उद्देश्य जागरूकता फैलाना और युद्ध अनाथों या संघर्ष में बच्चों के सामने आने वाले खतरों को दूर करना है। साथ ही, अनाथालयों में पले-बढ़े बच्चों को अक्सर भावनात्मक और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। यह एक विश्वव्यापी मानवीय और सामाजिक संकट बन गया है जो दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। यह दिन युद्ध के परिणामों से प्रभावित कई बच्चों के जीवन पर प्रकाश डालता है।

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विश्व युद्ध अनाथ दिवस ज्ञान की कविताए:-

अनाथ बनाता जाने कितनों को
मात पिता मिटा सुख बंधु।।

प्रेम छीन घृणा झोली भर
कालोस भर उजाला बुझा नेत्र बिंदु।।

मानसिक पीड़ा भर कर दिल में
पहना हाथों में दासत्त्व की बेड़ी।।

क्या होगा सदा प्रश्न डर सपने दे
महनत अभाव की रोटी दे केड़ी।।

विधवाओं की दुनियां बढ़ जाती
वयस्क बढ़ जाते अपराधों के गार।।

चहरों पर उम्मीद मिटी लकीरें
दे जाती बस निराशा ग़मगीन।।

मंहगाई बढ़ आसमान को छूटी
बस रह जाती अपंगता भंगदिल।।

यही अंध अनाथ जीवन को
बनाया जाता विश्वयुद्ध अनाथ दिवस।।

नहीं हो युद्ध और परिणाम विनाशक
दे पुनर्वास अनाथ न हो विवश।।

आओ इस सहयोग सभी दें
ओर करें चिंतन युद्ध विनाश ज्ञात।।

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विश्व युद्ध अनाथ दिवस का इतिहास:-

यूनिसेफ के अनुसार, एक अनाथ “18 वर्ष से कम उम्र का बच्चा है जिसने अपने माता-पिता को खो दिया है।” एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व युद्ध दिवस की शुरुआत फ्रांसीसी संगठन, Sos Enfants en Detres द्वारा की गई थी। अधिकांश अनाथ आमतौर पर एक जीवित रिश्तेदार के साथ रहते हैं, अक्सर उनके दादा-दादी। हालांकि, कई ऐसे भी हैं जिनका देखभाल करने के लिए कोई रिश्तेदार नहीं है।ऐसे मामलों में, बच्चे के उपेक्षित होने की संभावना अधिक होती है।जो व्यक्ति इस दिन को चिह्नित करना चाहते हैं, वे युद्ध अनाथों को सुरक्षित रखने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैला सकते हैं और संघर्ष क्षेत्रों में रहने वाले बच्चो के कल्याण के लिए के लिए अपना योगदान कर सकते हैं।

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