बूंदी जिला दर्शन (Bundi District GK in Hindi)

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Bundi District GK in Hindi:- इस पोस्ट में बूंदी जिले का सामान्य परिचय, बूंदी के प्रमुख मंदिर, बूंदी के पर्यटन स्थल दर्शनीय स्थल, बूंदी जिले के खनिज, बूंदी जिले की अक्षांशीय एवं देशांतरीय स्थिति, बूंदी जिले का क्षेत्रफल एवं उपनाम, बूंदी के प्रमुख मेले और त्यौहार एवं बूंदी के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर आदि बिंदुओं को कवर करने की कोशिश की गयी है।

बूंदी जिले का सामान्य परिचय:-

  •  बूंदी जिले के उपनाम/प्राचीन नाम: छोटी काशी, बावडियों का शहर, द्वितीय काशी, वृन्दावती, राजस्थान की काशी, बुंदू का नाला।
  • बूंदी जिले का नाम बूंदी वहां के मीणा शासक बूंदा के नाम पर पड़ा।
  • बूँदी के शासक बुद्ध सिंह की रानी आनन्द कुंवरी ने मराठों को राजस्थान में आने का पहली बार निमन्त्रण दिया था।
  • बूंदी की स्थापना:– लोकमान्यता के अनुसार बूँदी की स्थापना ‘बूंदा मीणा’ ने की। सन् 1342 में देवा ने बूँदी में चौहान वंश की स्थापना की।
  • बूंदी जिले का क्षेत्रफल कितना है : 5776 वर्ग किलोमीटर।
  • नगरीय क्षेत्रफल – 176.83 वर्गकिलोमीटर
  • ग्रामीण क्षेत्रफल – 5599.17 वर्गकिलोमीटर
  • बूंदी जिले में तहसीलों की संख्या कितनी है : 5
  • बूंदी में कुल वनीय क्षेत्रफल – 1495.65 वर्गकिलोमीटर
  • बूंदी में पंचायत समितियों की संख्या : 7
  • बूंदी जिले के विधानसभा क्षेत्रों की संख्या : 3
  • बूंदी जिले में उपखंडों की संख्या : 5
  •  बूंदी की अक्षांशीय स्थिति : 24 डिग्री 54 मिनट उत्तरी अक्षांश से 25 डिग्री 53 मिनट उत्तरी अक्षांश तक।
  • बूंदी की देशांतरीय स्थिति : 75 डिग्री 19 मिनट पूर्वी देशांतर से 76 डिग्री 19 मिनट 30 सेकंड पूर्वी देशांतर तक।
  • हाड़ा चौहानों का प्रभुत्व होने के कारण यह क्षेत्र ‘हाड़ौती’ कहलाया।
  • बूँदी के विष्णु सिंह ने ईस्ट इंडिया कम्पनी के साथ सहायक संधि की।

2011 की जनगणना के अनुसार बूंदी जिले की जनसंख्या के आंकड़े:-

  • कुल जनसंख्या—11,10,906
  • पुरुष—5,77,160
  • स्त्री—5,33,746
  • दशकीय वृद्धि दर—15.4%
  • जनसंख्या घनत्व—192
  • लिंगानुपात—925 
  • साक्षरता दर—61.5% 
  • पुरुष साक्षरता—75.4%
  • महिला साक्षरता—46.6%



बूंदी के प्रमुख जलाशय/नदियाँ:-

  • घोड़ा-पछाड़ नदी- बूँदी की एक (बिजलियां/बिजौलिया) झील से निकलकर सांगवाड़ा (बूँदी) में मांगली नदी में मिल जाती है।
  • चाकण बाँध—गुढ़ा गाँव में मिट्टी से निर्मित बाँध।
  • नवलसागर (नौलखा) उम्मेद सिंह द्वारा निर्मित। कनकसागर-इसे दुगारी झील भी कहते हैं।
  • गुढ़ा सिंचाई परियोजना—मेज नदी पर।
  • गरदड़ा सिंचाई परियोजना-होसलपुर गाँव के नजदीक स्थित है।
  • बूंदी के प्रमुख जलाशय—नवलसागर (नौलखा) उम्मेद सिंह द्वारा निर्मित। कनकसागर-इसे दुगारी झील भी कहते हैं।
  • बूंदी जिले के अन्य बांध एवं झीले – नवलसागर, नवलखां, नमाना, चांदोलिया, अभयपुरा, पेच की बावड़ी, जैतसागर, इन्द्राणी, भीमतल, फूलसागर, गुढ़ा बांध, हिण्डोवली, गंगासागर तथा बरधा डेम आदि है।

बूंदी जिले के अभयारण्य:-

  • कनक सागर / दुगारी पक्षी अभयारण्य:— कनक सागर पक्षी अभयारण्य की घोषणा वन्य जीव विभाग द्वारा 1987 में की गई थी। लगभग 72 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें हंस, सारस, जलमुर्गी, स्नेयक बर्ड, गैरेट आदि है।
  • रामगढ़ विषधारी अभयारण:— यह साँपों की शरणस्थली के नाम से भी जाना जाता है। बूंदी जिले में यह अभयारण्य 307 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत अरावली की पहाड़ि‍यों में स्थित है। इसमें बाघ, नीलगाय, हिरण, बघेरा, जंगली मुर्गे, रीछ, जंगली कुत्ते तथा 500 प्रकार के अन्य जीव पाये जाते हैं।

बूंदी के दर्शनीय एवं ऐतिहासिक स्थल:-

  • रानी जी की बावड़ी:— अनिरुद्ध की रानी नाथावती ने इसका निर्माण करवाया। यह राजस्थान की सबसे लम्बी बावड़ियों में से एक है।
  • तारागढ़/तिलस्मी किला:- सन् 1354 ई. में राव बरसिंह ने इसका निर्माण करवाया। यह दुर्ग 1426 फीट ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। इस दुर्ग का एक नक्शा सिटी पैलेस (जयपुर) में रखा हुआ है। इस दुर्ग में एकमात्र भीम बुर्ज (चौबुर्ज) स्थित है।
  • चौरासी खम्भों की छतरी:— इसे धाबाई की छतरी के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण अनिरुद्ध के भाई देवा हाड़ा (अनिरुद्ध सिंह के धाबाई देवा की स्मृति में) ने करवाया।
  • कपालीश्वर मंदिर—इन्द्रगढ़ में है।
  • केशवराय मंदिर—केशवरायपाटन। केशवरायपाटन में हजरत शेख अब्दुल अजीज मक्की की प्राचीन दरगाह है।
  • बूंदी जिले के अन्य प्रमुख मंदिर:- बिजासन माता का मंदिर, इंदरगढ़, केशवराय जी का मंदिर (केशोरायपाटन), रक्तदंजी माता का मंदिर, हुंडेश्वर महादेव मंदिर
  • बूंदी जिले के पर्यटन स्थल:- 84 खंभों की छतरी (धाबाई की छतरी), रानी जी की बावड़ी, शिकार बुर्ज, छत्र महल, तारागढ़ दुर्ग, नारूजी की बावड़ी, राजमहल (गढ़ पैलेस), गंगासागर-यमुनासागर कुंड, बाबा पीर साहब की दरगाह, मोती महल संग्रहालय, चित्रशाला, सुख महल, जैतसागर, क्षारबाग (केसर बाग), फूलसागर, बांसी दुगारी, रतनदोलत दरीखाना, गरदड़ा रॉक पेंटिंग, हड़ुला लोक उत्सव, लाखेरी, नवलखा झील, हुंडेश्वर महादेव का मंदिर (हिंडोली), काला जी बावडी, नागर-सागर।

बूंदी जिले के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न:-

  • बूँदी चित्रशैली:- भित्ति चित्रों का स्वर्ग कहलाती है। बूंदी चित्रशैली का प्रारम्भत सुर्जन सिंह हाड़ा से माना जाता है। बूंदी शैली में सर्वाधिक पशु-पक्षियों का चित्रण हुआ, इसलिए इसे पक्षी शैली भी कहते हैं। वर्षा में नाचता हुआ मोर इस शैली की प्रमुख विशेषता है। इस शैली में चित्र बनाने के लिए उम्मेद सिंह ने बूंदी में चित्रशाला की स्थापना की थी। बूंदी चित्रकला शैली के प्रमुख चित्रकार – सुरजन, अहमद अली, रामलाल इत्यादि थे।
  • बूंदी चित्र शैली का स्वर्ण काल किस शासक के काल को कहा जाता है – राव सुरजन सिंह हाडा के शासनकाल को।
  • राजस्थान राज्य की एकमात्र सहकारी चीनी मिल- सहकारी शुगर मिल्स लिमिटेड-केशवरायपाटन बूँदी में 1965 में स्थापित हुई।
  • अनारकली की बावड़ी कहां स्थित है – बूंदी जिले में।
  • देश की प्रथम बर्ड राइडर रॉक पैटिंग गरदड़ा गाँव में छाजा नदी (गरड़दा) के किनारे प्राप्त हुई।
  • कजली तीज बूँदी की प्रसिद्ध है। भादों (भाद्रपद) माह में तीज तिथि को आयोजित इस मेले में गौरी माता की सवारी पूरे लवाजमे के साथ शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरती है।
  • संतूरमाता सिंचाई परियोजना किस जिले में स्थित है – बूंदी जिले में।
  • बूंदी प्रजामंडल की स्थापना किसने की – कांतिलाल एवं नित्यानंद ने 1931 ईस्वी में की।
  • चाकन सिंचाई परियोजना किस जिले में स्थित है – बूंदी जिले में।
  • वंश भास्कर-इसके अधूरे छोड़े गये कार्य को मुरारीदीन ने पूरा किया था।
  • पशु पक्षियों की शैली किस चित्र शैली को कहा जाता है – बूंदी शैली को।
  • राज्य का प्रथम सीमेंट कारखाना-ACC सीमेंट उद्योग, लाखेरी, स्थापना-1912-13. स्थापनाकर्ता-क्लिक निक्सन कम्पनी।
  • बूंदी रियासत के रियासत कालीन सिक्के कौन से हैं – रामशाही, चेहरेशाही, कटारशाही, ग्यारहसना सिक्के आदि।
  • रणथंबोर के बागों का जच्चा घर किस अभयारण्य को कहा जाता है – रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य को
  • सती प्रथा पर पहली बार रोक किस रियासत ने लगाई – बूंदी रियासत ने 1822 ईसवी में।
  • भित्ति चित्रों का स्वर्ग किस चित्र शैली को कहा जाता है – बूंदी चित्र शैली को।
  • प्रतिवर्ष 24 जून को बूँदी महोत्सव मनाया जाता है।
  • प्रसिद्ध लोकदेवता वीर तेजाजी की कर्मस्थली-बाँसी दुगारी है।
  • मोर के साथ सांप का एकमात्र चित्रण किस चित्र शैली में मिलता है – बूंदी चित्र शैली में।
  • सती प्रथा पर पहली बार रोक 1822 ई. में बूँदी रियासत ने लगाई।
  • सांपों की शरण स्थली किस अभयारण्य को कहा जाता है – रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभ्यारण्य को।
  • रेल बाबा के नाम से प्रसिद्ध किशन लाल सोनी का संबंध किस जिले से हैं – बूंदी जिले से।
  • राजस्थान का प्रथम साहित्यिक पत्र-सर्वहित के संपादक मेहता लज्जाराम बूँदी के निवासी है।
  • भीमताल जलप्रपात किस नदी पर बना हुआ है – मांगली नदी पर बूंदी में।
  • शेख अब्दुल अजीज मक्की की दरगाह किस जिले में स्थित है – बूंदी जिले में।
  • बूंदी जिले की प्रमुख नदियां कौन सी है – मेज नदी, चंबल नदी, मांगली नदी, तालेड़ा नदी, कुराल नदी, घोड़ा पछाड़ नदी आदि।
  • राजस्थान का प्रथम सीमेंट का कारखाना कहां स्थापित है – लाखेरी, बूंदी में।
  • दुगारी पक्षी अभयारण्य किस अभयारण्य को कहा जाता है – कनक सागर पक्षी अभयारण्य को।
  • कंजरों की आराध्य देवी रक्तदंजी माता-संतूर, बूँदी।
  • राजस्थान का प्रथम साहित्यिक पत्र-सर्वहित के संपादक मेहता लज्जाराम बूँदी के निवासी है।
  • भीमताल जल प्रपात माँगली नदी पर बूँदी में है।
  • बूंदी जिले की मीठे पानी की झील कौन सी है : – जय सागर, कनकसागर, नवलसागर, रामसागर झील आदि।
  • कजली तीज महोत्सव किस जिले में आयोजित होता है – बूंदी जिले में अगस्त माह में आयोजित होता है।
  • राजस्थान का सबसे छोटा आखेट निषिद्ध क्षेत्र कौन सा है – कनक सागर पक्षी अभयारण्य।

इस पोस्ट में बूंदी जिले का सामान्य परिचय, बूंदी के प्रमुख मंदिर, बूंदी के पर्यटन स्थल दर्शनीय स्थल, बूंदी जिले के खनिज, बूंदी जिले की अक्षांशीय एवं देशांतरीय स्थिति, बूंदी जिले का क्षेत्रफल एवं उपनाम, बूंदी के प्रमुख मेले और त्यौहार एवं बूंदी के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर आदि बिंदुओं को कवर करने की कोशिश की गयी है।

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