बीकानेर जिला दर्शन (Bikaner District GK in Hindi)

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Bikaner District GK in Hindi:- इस पोस्ट में बीकानेर का सामान्य परिचय, बीकानेर के उपनाम, 2011 की जनगणना के अनुसार बीकानेर जिले की जनसँख्या/घनत्व/लिंगानुपात/साक्षरता, बीकानेर के विधानसभा क्षेत्र,बीकानेर के मंदिर, बीकानेर के पर्यटन स्थल, बीकानेर का क्षेत्रफल, बीकानेर के मेले, बीकानेर की मानचित्र में स्थिति, बीकानेर की नदियां एवं इसके अलावा जितने भी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न बन सकते थे, उनको शामिल कर पेश किया गया है।

बीकानेर का सामान्य परिचय:-

  • बीकानेर के उपनाम/प्राचीन नाम:- ऊन का घर, जांगल प्रदेश, राती घाटी , ऊंटों का देश
  • बीकानेर का क्षेत्रफल : 27244 वर्ग किलोमीटर। 
  • बीकानेर में एशिया की सबसे बड़ी ऊन की मंडी स्थित है।
  • बीकानेर जिले के विधानसभा क्षेत्र:-  बीकानेर पूर्व, बीकानेर पश्चिम , लूणकरणसर , कोलायत , डूंगरगढ़ , नोखा , खाजूवाला 
  • बीकानेर की भुजिया-पापड़ का नमकीन स्वाद विश्व भर में प्रसिद्ध है। 
  • बीकानेर की मथैरण कला तथा उस्ताकला विश्व भर में प्रसिद्ध है। 
  • राव बीका ने 1588 ईस्वी में बीकानेर शहर को बसाकर उसको अपनी राजधानी बनाया था। 
  • जोधपुर नरेश राव जोधा के पुत्र राव बीका ने 1465 में जांगल प्रदेश के विभिन्न छोटे-छोटे क्षेत्रों को करणी माता के आशीर्वाद से जीत कर इस क्षेत्र में राठौड़ राजवंश के शासन की शुरुआत की एवं बीकानेर रियासत की स्थापना की थी।
  • बीकानेर जिले में कोई भी नदी नहीं है।
  • स्वतंत्रता के बाद 30 मार्च 1949 को बीकानेर रियासत का राजस्थान में विलय हो गया था। 
  • राजस्थान की प्रथम नहर गंगनहर का निर्माण महाराजा गंगा सिंह (बीकानेर रियासत के शासक) ने 1927 में पूर्ण करवाया था। 
  • अक्षांशीय स्थिति : 27 डिग्री 11 मिनट उत्तरी अक्षांश से 29 डिग्री 3 मिनट उत्तरी अक्षांश तक। 
  • देशांतरीय स्थिति : 71 डिग्री 54 मिनट पूर्वी देशांतर से 74 डिग्री 22 मिनट पूर्वी देशांतर तक। 

2011 की जनगणना के आंकड़े:-

  • बीकानेर की कुल जनसंख्या : 23,63,937 
  • बीकानेर में जनसंख्या घनत्व : 78 
  • बीकानेर की साक्षरता दर : 65.1 प्रतिशत 
  • बीकानेर की महिला साक्षरता दर : 53.2% 
  • बीकानेर की पुरुष साक्षरता दर : 75.9% 
  • बीकानेर में पशु घनत्व : 102 
  • बीकानेर का लिंगानुपात : 905

बीकानेर जिले के प्रमुख मेले:-

  • जम्भेश्वर मेला – मुकाम तालवा (नोखा) में वर्ष में दो बार – फाल्गुन व आश्विन अमावस्या को।
  • नागणेची जी माता – बीकानेर में नवरात्रा में।
  • चनणी चेरी मेला (सेवकों का मेला ) – देशनोक में फाल्गुन सुदी सप्तमी।
  • निर्जला ग्यारस – लक्ष्मीनाथ मंदिर, बीकानेर में ज्येष्ठ सुदी 11 को।
  • करणी माता का मेला – देशनोक, बीकानेर में नवरात्रा (कार्तिक एवं चैत्र माह में ) को।
  • भैरुजी का मेला – कोडमदेसर में भादवा सुदी 13 को।
  • कपिल मुनि का मेला – श्री कोलायत जी में कार्तिक पूर्णिमा को।
  • भट्टापीर उर्स – गजनेर में भादवा सुदी 8-10 को।



बीकानेर के प्रमुख मंदिर:-

  • मुकाम  तालवा, नोखा बीकानेर – यह विश्नोई संप्रदाय का प्रमुख पवित्र तीर्थ स्थान है। यहां पर विश्नोई संप्रदाय के प्रवर्तक जांभोजी का समाधि स्थल है। यहां जांभोजी ने 1526 ईस्वी में समाधि ली थी।
  • करणी माता का मंदिर, देशनोक – करणी माता को बीकानेर के राठौड़ राजवंश की कुलदेवी कहा जाता है। करणी माता का यह मंदिर देशनोक बीकानेर में स्थित है, इनका बचपन का नाम रिद्धि बाई था। करणी माता का मेला चेत्र व आश्विन के नवरात्र में भरता है। करणी माता को चूहों वाली देवी तथा चारणों की कुलदेवी कहा जाता है। इस मंदिर में सफेद चूहे पाए जाते हैं, जिन्हें काबा कहा जाता है। इस मंदिर में काबा के दर्शन शुभ माने जाते हैं। करणी माता के मंदिर परिसर में सावन-भादो कड़ाइयाँ स्थित है।
  • श्री कोलायत जी – सांख्य दर्शन के प्रतिपादक कपिल मुनि की तपोभूमि श्री कोलायतजी का महत्व गंगा स्नान के बराबर माना जाता है। यहां पर कपिल मुनि का मंदिर भी स्थित है।  यहां पर कार्तिक पूर्णिमा को प्रसिद्ध मेला भरता है।
  • भांडासर के जैन मंदिर – भांडासर के जैन मंदिर में जैन धर्म के पांचवे तीर्थकर सुमतिनाथ की प्रतिमा विराजित है। इस भव्य मंदिर का निर्माण भांडाशाह नामक ओसवाल महाजन ने 1468 में करवाना प्रारंभ किया था, जो 1514 में पूर्ण हुआ था।

बीकानेर के दर्शनीय स्थल/पर्यटन स्थल:-

  • लालगढ़ पैलेस – इसका निर्माण महाराजा गंगा सिंह द्वारा लाल पत्थर से करवाया गया था। यह पैलेस महाराजा गंगा सिंह द्वारा अपने पिता श्री लाल सिंह की स्मृति में बनवाया गया था।
  • देवीकुंड सागर – यहां पर बीकानेर राज परिवार की छतरियां (समाधिया) है। 
  • जूनागढ़ किला – यह सन 1594 ईसवी में राजा रायसिंह द्वारा बनवाया गया था। इस किले में फूल महल, चंद्र महल , करण महल स्थित है।
  • गंगा गोल्डन जुबली संग्रहालय –  उद्घाटन भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड लिनलिथगो द्वारा 5 नवंबर 1937 को किया गया था। इस संग्रहालय की स्थापना महाराजा गंगा सिंह की स्वर्ण जयंती पर की गई थी।
  • कतरियासर, बीकानेर – जसनाथी संप्रदाय के सिद्ध द्वारा अग्नि नृत्य (अंगारा नृत्य) किया जाता है, जो बहुत ही प्रसिद्ध है।
  • लोक देवता बिग्गाजी का मेला – इनका जन्म रीडी गांव (बीकानेर) में जाट परिवार में हुआ। बिग्गाजी को जाखड़ समाज के कुल देवता के रूप में पूजा जाता है। इनके पिता-राममोहन, माता- सुल्तानी थी। बिग्गा गांव (बीकानेर) में प्रतिवर्ष 14 अक्टूबर को लोक देवता बिग्गाजी की याद में मेला भरता है। मुस्लिम लुटेरों से गायें छुड़ाते हुए लोक देवता बिग्गाजी जाट ने अपने प्राणों का बलिदान किया था।

बीकानेर की मीठे एवं खारे पानी की झीलें:-

  • लूणकरणसर झील, बीकानेर – यह झील लूणकरणसर, बीकानेर में स्थित है। लूणकरणसर को मूंगफली उत्पादन के कारण राजस्थान का राजकोट भी कहा जाता है। यह झील उत्तरी राजस्थान की एकमात्र खारे पानी की झील है।
  • कोलायत झील – यह झील NH-15 पर स्थित है। यहां नहाने के लिए अनेक घाट बने हुए है जिनके चारों और पीपल के पेड़ लगे हुए है। है। यहां पर प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा (नवम्बर) को महर्षि कपिल मुनि का प्रसिद्ध मेला भरता है। यह एक मीठे पानी की प्राकृतिक झील कोलायत झील को ‘शुष्क मरुस्थल का सुंदर उद्यान’ के नाम से भी जाना जाता है।यहां प्राचीन काल में कपिल मुनि का आश्रम था।
  • गजनेर झील, बीकानेर – इस झील को “पानी का शुद्ध दर्पण” के उपनाम से भी जाना जाता है। इसके किनारे गजनेर पैलेस भी स्थित है। यह पैलेस महाराज गंगासिंह द्वारा लाल बलुआ पत्थर से बनवाया गया है। यह झील बीकानेर के गजनेर में जंगल के अंदर स्थित है।यह झील भी मीठे पानी की झील है।

बीकानेर के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न:-

  • राष्ट्रीय ऊँट अनुसंधान केन्द्र-जोहड़बीड़, एशिया का प्रथम।
  • सुराही/लोटड़ी—बीकानेर की प्रसिद्ध।
  • बीकानेर में स्थित गजनेर अभ्यारण्य जंगली तीतरों के लिए प्रसिद्ध है।
  • अनूप महल – इसका निर्माण अनूपसिंह द्वारा करवाया गया था। इस महल में ही बीकानेर के शासकों का राजतिलक होता था। इस इमारत में सोने की कलम से काम किया हुआ है।
  • कंवरसेन लिफ्ट नहर को बीकानेर की जीवन रेखा भी कहा जाता है।
  • गामा चैम्बर-2010—भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान-मुम्बई का राज्य में प्रथम चैम्बर बीकानेर विश्वविद्यालय में शुरू।
  • ऊँट महोत्सव-फरवरी माह में मनाया जाता है। राज्य सरकार ने 30 जून, 2014 को ऊँट को राज्य पशु घोषित किया।
  • गंगासिंह ने 1912 में सर्वप्रथम प्रतिनिधि सभा का गठन किया।
  • खजूर अनुसंधान-बीकानेर।
  • जूनागढ़ दुर्ग के मुख्य द्वार(पूर्वी द्वार) को कर्णपोल कहा जाता है तथा पश्चिमी द्वार को चांदपोल कहा जाता है।
  • राजस्थान राज्य अभिलेखागार संस्थान-बीकानेर, स्थापना-1955
  • डोडाथोरा, सिंहथल -पुरातात्विक अवशेष।
  • निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी जोजोबा प्लांटेशन परियोजना-झज्झर।
  • कुंवर जसवंत सिंह – राजस्थान की प्रथम विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता।
  • लूणकरणसर -राजस्थान का राजकोट (सर्वाधिक मूँगफली उत्पादन के कारण)
  • महाराजा गंगासिंह – आधुनिक भारत का भागीरथ कहे जाने वाले गंगासिंह को गंगनहर लाने का श्रेय दिया जाता है।
  • सामरिक महत्त्व का भूमिगत हवाई अड्डा-नाल।
  • गंगा निवास पब्लिक पार्क – इस पार्क का उद्घाटन वासराय लार्ड होर्डिंग द्वारा 1915 में करवाया गया था। 
  • मरुत्रिकोण-जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर।
  • बीकानेरी भुजिया, पापड़, रस्सगुल्ले प्रसिद्ध हैं।
  • कंवरसेन – इंदिरा गाँधी नहर का जनक कंवरसेन को कहा जाता है। इन्हें पदम्भूषण से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार पाने वाले वे राजस्थान के प्रथम व्यक्ति थे। ये मूलतः बीकानेर जिले के थे।
  • अनूप गढ़वाला कन्जर्वेशन रिजर्व-बीकानेर, स्थापना-25 नवम्बर 2008।
  • सिंहथल – यहां पर रामस्नेही सम्प्रदाय की पीठ स्थित है जिसके संस्थापक हरिदासजी थे। 
  • बीकानेर की हवेलियां – बच्छावतों की हवेलियां, रामपुरिया हवेली आदि।
  • कोयला पलाना-(लिग्नाइट की सर्वोत्तम किस्म), बरसिंहपुरा, गुराहा।
  • वायदा बाजार आयोग बीकानेर में स्थापित।
  • B.S.F. का नया सीमान्त मुख्यालय-बीकानेर।
  • देश व राज्य में निजी क्षेत्र का प्रथम लिग्नाइट आधारित विधुत संयंत्र – राणेरी, बीकानेर में स्थित है। 
  • पृथ्वीराज राठौड़ – इन्हें पीथल एवं डिंगल का हैरोस के उपनामों से जाना जाता है। इनकी प्रमुख रचनाएं – गंगा लहरी, बेली किसन रुक्मणि री ख्यात, गंगाजी का दुहा।
  • जिप्सम-विसरासर, कोलायत, लूणकरण सर। (जिप्सम की सबसे बड़ी खान-विसरासर)।
  • एशिया एवं देश की सबसे बड़ी ऊन मंडी बीकानेर में स्थित है।
  • एशिया का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास केन्द्र-बीकानेर। 
  • देश व राजस्थान की पहली जैतून रिफाइनरी – लूणकरणसर (बीकानेर) में स्थित है। 
  • बीकानेर की पाकिस्तान के साथ लगने वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा की कुल लम्बाई 168 किलोमीटर है।
  • निजी क्षेत्र में पहला लिग्नाइट आधारित बिजलीघर रानेरी बीकानेर में है।
  • बीकानेर प्रजामण्डल (कलकत्ता में स्थापना)—1936 संस्थापक-मघाराम वैध, रघुवीर दयाल घोयल।
  • विश्व का सबसे बड़ा संयुक्त प्रशिक्षण सुविधा केंद्र बीकानेर में स्थापित। 
  • निजी क्षेत्र सबसे बड़ी जोजोबा प्लांटेशन परियोजना – झज्झर, बीकानेर में स्थित है। 
  • न्यूनतम नदियां वाला संभाग – बीकानेर संभाग है। 
  • एशिया का प्रथम सोलर थर्मल पॉवर स्टेशन – 10 मेगावाट क्षमता का बहरूखेड़ा (बीकानेर ) में स्थित है।
  • बीकानेर प्रजा परिषद् —1942 संस्थापक-रघुवीर घोयल।
  • एशिया की सबसे बड़ी ऊन की मण्डी-बीकानेर।
  • राजस्थान का पहला गिद्धों के लिए कंजर्वेशन रिजर्व – जोहड़बीड़ में स्थित है। 
  • राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी 1983 में बीकानेर में स्थापित।
  • बीकानेर विश्वविद्यालय-7 जून, 2003 को।
  • स्टेट वूलन मिल्स लिमिटेड बीकानेर में है।
  • बीकानेर एवं चूरू एकमात्र ऐसे जिले है जहाँ से होकर एक भी नदी नहीं गुजरती है।
  • राजस्थान भाषा साहित्य, संस्कृति अकादमी-1983 में स्थापित राजस्थानी भाषा की जागती-जोत पत्रिका का संपादन यहीं से होता है।
  • उस्तां कला:—ऊँट की खाल पर स्वर्ण मीनाकारी। पद्म श्री हिजामुद्दीन उस्तां के प्रसिद्ध कलाकार है।
  • देश व राज्य की प्रथम कैमल मिल्क डेयरी बीकानेर में स्थापित।
  • बीकानेर जन्तुआलय-1922 में स्थापित, राज्य का तीसरा।
  • राजस्थान की सबसे बड़ी जेल बीकानेर में स्थित है। 
  • पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय – 13 मई, 2010 को स्थापित ( राज्य का प्रथम पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय नाम से स्थापित )
  • कोडमदेसर:—भैंरूजी के मंदिर का निर्माण राव बीका ने भैंरूजी की प्रतिमा को स्थापित करके किया।
  • महाराजा गंगासिंह बीकानेर विश्वविद्यालय – 1 जून, 2003 को बीकानेर विश्वविद्यालय के नाम से स्थापित, वर्तमान नाम 10 जनवरी 2009 को किया गया। 
  • स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय – 1987 में बीकानेर में स्थापित ( राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के नाम से स्थापित, 28 जुलाई 2010 को वर्तमान नाम दिया गया ) 
  • बीकानेर चित्रशैली – इस शैली का स्वर्णकाल अनूपसिंह का शासनकाल कहलाता है। इस शैली के चित्रकार चित्र बनाकर उसके नीचे अपना नाम व तिथि का अंकन करते थे। रामलाल, हसन और अली रजा चित्रकारों का त्रिगुट बीकानेर चित्रशैली से सम्बंधित है।
  • राजस्थानी विद्या मंदिर शोध प्रतिष्ठान व सार्दुल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट-बीकानेर में है।
  • बेर अनुसन्धान केंद्र एवं खजूर अनुसन्धान केंद्र बीकानेर में स्थित है।
  • सिरेमिक कॉम्पलेक्स:— उत्तर भारत की एक मात्र सिरेमिक प्रयोगशाला।
  • राजस्थान राज्य अभिलेखाकार 1966 में बीकानेर में स्थापित।
  • राजस्थान में प्रथम वायदा बाजार आयोग -बीकानेर।
  • राजस्थान में मरुधरा बायोलॉजिकल पार्क बीकानेर में स्थित है। 
  • ऊंट महोत्स्व – जनवरी-फरवरी माह में बीकानेर में आयोजित किया जाता है। राज्य सरकार ने 30 जून, 2014 को ऊंट को राज्य पशु (पालतू) घोषित किया था।
  • बीकानेर की लोककला-मथेरण कला।
  • गजनेर वन्य जीव अभ्यारण्य – यह अभ्यारण्य बटबड़ पक्षी जिसे रेत का तीतर/इम्पीरियल सेंड ग्राउन्ज भी कहते है व जंगली सूअर के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • पूंगल नस्ल की भेड़े बीकानेर की प्रसिद्ध हैं।
  • बीकानेर प्रजा परिषद की स्थापना 1942 में रघुवर दयाल गोयल द्वारा की गयी थी।
  • कूंपी—ऊँट के चमड़े से निर्मित एक विशेष जलपात्र बीकानेर में बनता है।
  • पूंगल भेड़वंश – इसका उत्पति स्थल पूंगल तहसील बीकानेर है। इसका अनुसन्धान केंद्र बीकानेर में स्थित है। 
  • बीकानेर प्रजामण्डल की स्थापना कोलकत्ता में सन 1936 में मघाराम वैध ने की थी।
  • दूधवा खारा आन्दोलन बीकानेर रियासत से सम्बन्धित है, वर्तमान में दूधवा खारा चूरू में है।
  • बीकानेर की छतरियां – राव कल्याणमल की छतरी, राव बीका की छतरी, देवीकुंड की छतरियां आदि। 

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