गुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय | Gulzarilal Nanda Biography in Hindi

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गुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय :- गुलजारी लाल नंदा एक महान राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद् और अर्थशास्त्री थे। जिन्होंने भारत की राजनीति को करीब से देखा था, साथ ही उन्होंने देश के बुरे समय में देश की कमान अपने हाथों में लेकर देश को बिखरने नहीं दिया। गुलजारीलाल नंदा भारत के चौथे प्रधान मंत्री थे, लेकिन वह जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे स्थान पर थे (क्योंकि जवाहरलाल नेहरू ने 1947 से स्वतंत्रता के बाद लगातार तीन बार प्रधान मंत्री का पद संभाला था)। गुलजारी लाल जी कांग्रेस पार्टी के प्रति बहुत समर्पित थे। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. महात्मा गाँधी के विचारों से प्रभावित गुलजारीलाल नन्दा ने दिल से देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। तो आइए जानते हैं गुलजारी लाल नंदा के जीवन परिचय के बारे में।

गुलजारी लाल नंदा की जीवनी:-

  • पूरा नाम – गुलजारीलाल नंदा
  • जन्म – 4 जुलाई 1898
  • जन्म स्थान – सियालकोट, पंजाब, पाकिस्तान
  • धर्म – हिन्दू
  • जाति – खत्री
  • पिता – बुलाकी राम नंदा
  • माता – ईश्वर देवी नंदा
  • पत्नी – लक्ष्मी देवी
  • बच्चे – 2 पुत्र 1 पुत्री
  • मृत्यु – 15 जनवरी 1998

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गुलजारी लाल नन्दा का प्रारम्भिक जीवन:- 

गुलजारी लाल नंदा का जन्म 4 जुलाई 1898 को सियालकोट के एक सेन परिवार में हुआ था। वर्तमान में सियालकोट पश्चिमी पाकिस्तान का हिस्सा है। उनके पिता का नाम बुलाकी राम नंदा और माता का नाम श्रीमती था। ईश्वर देवी नंदा उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सियालकोट से पूरी की। इसके बाद उन्होंने लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। 1916 में उनका विवाह लक्ष्मी देवी से हुआ था। उनके तीन बच्चे थे, जिनमें दो बेटे और एक बेटी शामिल हैं। वर्ष 1921 में उन्होंने असहयोग आन्दोलन में भाग लिया. उन्होंने मुम्बई के नेशनल कॉलेज से व्याख्याता के रूप में कार्य किया। वे श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करने केलिए हमेशा प्रयास करते रहे. उन्होंने श्रमिको के अधिकारों की मांग की.1932 में सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान और 1942-1944 में भारत छोड़ो आन्दोलन के समय इन्हें जेल भी जाना पड़ा था.



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गुलजारी लाल नन्दा का जन्म एवं परिवार:-

गुलजारी लाल नंदा, जिन्हें लोकप्रिय रूप से नंदजी के नाम से जाना जाता है, का जन्म 4 जुलाई, 1898 को सियालकोट में हुआ था, जो अब पश्चिमी पाकिस्तान का हिस्सा है। उनके पिता का नाम ‘बुलकी राम नंदा’ और माता का नाम ‘श्रीमती’ था। ईश्वर देवी नंदा’ नंदा की प्राथमिक शिक्षा सियालकोट में ही पूरी हुई। इसके बाद उन्होंने लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। गुलजारी लाल नंदा ने कला संकाय में मास्टर डिग्री और कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनकी शादी 1916 में 18 साल की उम्र में हुई थी। इनके परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री सम्मिलित हुए।

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गुलजारी लाल नन्दा का राजनैतिक सफ़र:-

वह 1937-1939 में बॉम्बे विधान सभा के सदस्य थे, उस समय उन्होंने श्रम और आवास मंत्रालय को संभाला। इस कार्यकाल में नंदा जी ने ‘श्रम विवाद विधेयक’ पास करवाया। उन्हें बॉम्बे हाउसिंग बोर्ड और हिंदुस्तान मजदूर संघ का अध्यक्ष भी बनाया गया था। 1947-1950 में उन्हें विधायक नियुक्त किया गया। एक विधायक के रूप में उन्होंने कई सराहनीय कार्य किए। 1947 में, उन्होंने ‘इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस’ की स्थापना की, नंदा जी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया और 1951-1952 तक योजना मंत्रालय का कार्यभार संभाला।

गुलजारी लाल नन्दा का व्यावसायिक जीवन:-

गुलजारी लाल नंदा एक देशभक्त व्यक्ति थे। इसी के चलते उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बहुत बड़ा योगदान दिया। नंदजी का जीवन प्रारंभ से ही राष्ट्र के प्रति समर्पित रहा। 1921 में, उन्होंने असहयोग आंदोलन में भाग लिया। नंदजी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने नेशनल कॉलेज, मुंबई में अर्थशास्त्र में व्याख्याता के रूप में कार्य किया। वे अहमदाबाद के ‘वस्त्र उद्योग’ में ‘श्रम संघ’ के सचिव भी थे और उन्होंने 1922 से 1946 तक इस पद पर लंबा समय बिताया।। यह श्रमिकों की समस्याओं को लेकर सदैव जागरूक रहे और उनका निदान करने का प्रयास करते रहे। 1932 में सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान और 1942-1944 में भारत छोड़ो आन्दोलन के समय इन्हें जेल भी जाना पड़ा।

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कार्यवाहक प्रधानमंत्री:- 

नंदाजी ने मंत्रिमण्डल में वरिष्ठतम सहयोगी होने के कारण दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री का दायित्व सम्भाला। इनका प्रथम कार्यकाल 27 मई, 1964 से 9 जून, 1964 तक रहा, जब पंडिल जवाहर लाल नेहरू का निधन हुआ था। दूसरा कार्यकाल 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी, 1966 तक रहा, जब लाल बहादुर शास्त्री का ताशकंद में देहान्त हुआ। नंदाजी प्रथम पाँच आम चुनावों में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए कार्यवाहक उस पद पर तब तक बना रहता है जब तक कि नया प्रधान मंत्री विधिवत निर्वाचित नहीं हो जाता। 1964 में नेहरू की मृत्यु के बाद, गुलजारी लाल एकमात्र वरिष्ठ नेता थे, यही वजह है कि उन्हें कार्यवाहक प्रधान मंत्री बनाया गया था।

लेखन कार्य

लेखक की भूमिका निभाते हुए नंदजी ने कई पुस्तकें लिखीं। जिनके नाम इस प्रकार हैं- खादी के कुछ पहलू, द्वितीय पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण, गुरु तेग बहादुर, संत और उद्धारकर्ता, अहमदाबाद वस्त्रों में समायोजन का इतिहास, एक नैतिक क्रांति के लिए और कुछ बुनियादी विचार।

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गुलजारी लाल नन्दा की रचनाएँ:-

  • सम बेसिक कंसीड्रेशन
  • अप्रोच टू द सेकंड फ़ाइव इयर प्लान
  • गुरु तेगबहादुर
  • सम आस्पेक्ट्स ऑफ़ खादी
  • संत एंड सेवियर
  • हिस्ट्री ऑफ़ एडजस्टमेंट इन द अहमदाबाद टेक्सटाल्स
  • फॉर ए मौरल रिवोल्युशन

गुलजारी लाल नंदा की मृत्यु:-

1997 में उन्हें ‘भारत रत्न’ और ‘पद्म विभूषण’ से अलंकृत किया गया। गुलजारी लाल जी का निधन 15 जनवरी 1998 को उनके निजी आवास दिल्ली में हुआ था। उन्होंने 100 वर्ष का लंबा जीवन प्राप्त किया। सरल और शांत स्वभाव के इस व्यक्ति ने जीवन भर सबके दिलों में जगह बनाई।

FAQ

प्रश्न. गुलजारी लाल नन्दा का जन्म कब हुआ?

उत्तर:- 4 जुलाई 1898

 प्रश्न. गुलजारी लाल नन्दा का जन्म कहाँ हुआ?

 उत्तर:- सियालकोट, पंजाब, पाकिस्तान

प्रश्न. गुलजारी लाल नन्दा के पिता का क्या नाम हैं?

उत्तर:- बुलाकी राम नंदा

 प्रश्न. गुलजारी लाल नन्दा के माता का क्या नाम हैं?

 उत्तर:- ईश्वर देवी नंदा

प्रश्न. गुलजारी लाल नन्दा की पत्नी का क्या नाम हैं?

उत्तर:- लक्ष्मी देवी

प्रश्न. गुलजारी लाल नन्दा के बच्चे किनते हैं?

उत्तर:- 2 पुत्र 1 पुत्री

प्रश्न. गुलजारी लाल नन्दा की मृत्यु कहाँ हुआ? 

उत्तर:- 15 जनवरी 1998

प्रश्न. गुलजारी लाल नन्दा का धर्म क्या हुआ?

उत्तर:-  हिन्दू

प्रश्न. गुलजारी लाल नन्दा की जाती क्या हुआ?

   उत्तर:- खत्री

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