चूरू जिला दर्शन(Churu District GK in Hindi)

Telegram GroupJoin Now

Churu District GK in Hindi:- इस पोस्ट में चूरू जिले का सामान्य परिचय, चूरू के प्रमुख मंदिर, चूरू के पर्यटन स्थल दर्शनीय स्थल, चूरू जिले के खनिज, चूरू जिले की अक्षांशीय एवं देशांतरीय स्थिति, चूरू जिले का क्षेत्रफल एवं उपनाम, चूरू के प्रमुख मेले और त्यौहार एवं चूरू के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर आदि बिंदुओं को कवर करने की कोशिश की गयी है।

चूरू जिले का सामान्य परिचय:-

  • चूरू जिले की स्थापना चूड़ा जाट ने 1620 ईस्वी में की थी।
  • चूरू जिले का जिला मुख्यालय चूरू शहर में स्थित है।
  • 6 मंजिली सुराणा हवेली कहां की प्रसिद्ध है – चूरू की।
  • राजस्थान का सबसे ठंडा व सबसे गर्म जिला चूरू जिला है।
  • चुरू जिले का क्षेत्रफल कितना है : 16830 वर्ग किलोमीटर।
  • राजस्थान का सर्वाधिक वार्षिक तापान्तर वाला जिला चूरू है।
  • राजस्थान के एकीकरण पूर्ण होने के तहत 1 नवंबर 1956 को चूरू को जिले का दर्जा प्राप्त हुआ था।
  • राजस्थान में सबसे कम वनों वाला जिला चूरू है।
  • चूरू जिला वर्तमान में राजस्थान के बीकानेर संभाग के अंतर्गत आता है।
  • 1 नवम्बर 1956 में राजस्थान एकीकरण के दौरान चूरू को जिले का दर्जा दिया गया था।
  •  चुरू की अक्षांशीय स्थिति : 27 डिग्री 24 मिनट उत्तरी अक्षांश से 29 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक।
  •  चूरू की देशांतरीय स्थिति : 73 डिग्री 44 मिनट पूर्वी देशांतर से 75 डिग्री 41 मिनट पूर्वी देशांतर तक।
  • चूरू जिले में वाहनों का पंजीकरण RJ-10 से होता है।

2011 की जनगणना के चूरू जिले के आंकड़े:-

  • चूरू जिले की कुल जनसंख्या 20,39, 547 है।
  • चूरू जिले की कुल पुरुष जनसंख्या 10,51,446 है।
  • चूरू जिले की कुल महिला जनसंख्या 9,88,101 है।
  • चूरू जिले की दशकीय वृद्धि दर:— 20.3%
  • चूरू जिले का लिंगानुपात 940 है।
  • चूरू जिले की साक्षरता दर 66.75% है।
  • चूरू जिले की पुरुष साक्षरता दर 78.8% है।
  • चुरु जिले की महिला साक्षरता दर 54% है।
  • चूरू जिले का जनसंख्या घनत्व:- 147

चुरू जिले के प्रमुख मंदिर एवं मेले:-

  • वेंकटेश्वर/तिरुपति बालाजी का मन्दिर— इसका निर्माण वेंकटेश्वर फाउण्डेशन ट्रस्ट के सोहनलाल जानोदिया द्वारा 1994 में डॉ. एम. नागराज एवं डॉ. वैकटाचार्य वास्तुविद् की देख-रेख में इटालियन मार्बल, ग्रेनाईट एवं मकराना मार्बल से दस हजार वर्ग फीट क्षेत्र में करवाया। इसका उद्घाटन-21 फरवरी, 1994—भैरों सिंह शेखावत।
  • अंजना देवी मंदिर (सालासर, चूरू)- हनुमान जी की माता या जननी अंजना देवी का मंदिर भी हनुमान जी के मंदिर के समीप ही चूरू जिले की सालासर नामक जगह पर स्थित है।
  • शीर्षमेडी, ददरेवा:- मुस्लिमों से युद्ध के दौरान गोगाजी का सिर ददरेवा (चूरू) में गिरा। ददरेवा में गोगाजी की शीर्ष मेड़ी/सिद्ध मेड़ी है। गोगाजी का जन्म स्थल भी ददरेवा ही है।
  • सालासर बालाजी का मन्दिर—यहाँ चैत्र पूर्णिमा को मेला लगता है। आसोटा गाँव में हल चलाते वक्त एक किसान बाबा मोहनदास को दाढ़ी-मूंछ युक्त हनुमान जी की मूर्ति मिली, जिसने सुजानगढ़ तहसील के सालासर गाँव में इसका मंदिर बनवाया।यह मंदिर संभवत: दाढ़ी – मूंछ युक्तु हनुमानजी का देश में पहला मन्दिर है।
  • उत्तराभिमुख सिंधी मंदिर—सुजानगढ़ में स्थित यह मन्दिर कांच की जड़ाई एवं स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। इस मन्दिर का पूरा नाम सागर सि‍न्धी मन्दिर है।
  • भूभता सिद्ध का मेला : यह मेला चुरू जिले में चंगोई (तारानगर) में भादवा सुदी सप्तमी को भरता है।
  • गोगा मेला : यह मेला चूरू जिले के ददरेवा में भाद्रपद कृष्ण नवमी (गोगा नवमी) को भरता है।
  • सालासर बालाजी का मेला : यह मेला सालासर चूरू में चैत्र एवं कार्तिक पूर्णिमा को भरता है।



चूरू जिले के पर्यटन स्थल:-

  • चूरू का किला— इस दुर्ग का निर्माण ठा. कुशालसिंह ने (संभवतया 1694 ई. में) करवाया था। चांदी के गोले दागने वाला किला, चुरु किला है।
  • ताल छापर वन्य जीव अभयारण्य- ताल छापर वन्य जीव अभयारण्य चूरू जिले की ताल छापर नामक जगह पर स्थित है। ताल छापर वन्य जीव अभयारण्य में सर्दी के मौसम में ठंडे स्थानों से कुरजां पक्षी (डेमोसिल क्रेन), बार हैडेड गूज आदि प्रवासी पक्षी आते है। ताल छापर वन्य जीव अभयारण्य काले हिरणों के लिए प्रसिद्ध है।
  • ददरेवा (चूरू)- पंचपीर गोगाजी का जन्म स्थल चूरू जिले का ददरेवा गांव है। गोगानवमी को गोगाजी के राखी चढ़ाई जाती है। भाद्रपद कृष्ण नवमी या गोगानवमी को ददरेवा में गोगाजी का मेला भरता है।
  • प्रथरणा का जोहड़- प्रथरणा का जोहड़ चूरू जिले में स्थित है।
  • मालचंद बादाम वाले- मालचंद बादाम वाले चूरू जिले के प्रसिद्ध काष्ठ शल्पी है।
  • नाहटा संग्रहालय- नाहटा संग्रहालय चूरू जिले के सरदारशहर में स्थित है। नाहटा संग्रहालय अपने भित्ती चित्रों के लिए प्रसिद्ध है।
  • सुराना या सुराणा हवेली- सुराना की हवेली चूरू जिले में स्थित है। सुराना हवेली में 1111 खिड़कियां एवं दरवाजे है। सुराना हवेली छः मंजिला इमारत है। सुराना हवेली का निर्माण 1870 ई. में किया गया था।
  • कोठारी हवेली- कोठारी हवेली का नाम ओसवाल जैन कोठारी ने अपने गोत्र पर रखा था। कोठारी हवेली का निर्माण एक प्रसिद्ध व्यापारी ओसवाल जैन कोठारी ने करवाया था . कोठारी हवेली में एक बहुत ही कलात्मक कमरा है जिसे मालजी का कमरा कहा जाता है।

चुरू जिले के प्रश्न(Churu District Important Facts):-

  • पालर पानी – राजस्थान का चूरू जिला वर्षा जल (पालर पानी) के संग्रहण हेतु अनूठी कार्ययोजना को क्रियान्वित करने वाला एकमात्र जिला है।
  • राजस्थान का सर्वाधिक तापांतर वाला जिला कौन सा है – चूरू जिला 
  • ओलमा – राजस्थानी भाषा के उत्थान व आंचलिक साहित्य को मुखर करती वह पत्रिका जो चूरू से सम्बन्धित है।
  • चूरू जिले के राजगढ़/ सार्दुलपुर तारानगर को राजीव गाँधी सिद्धमुख नौहर परियोजना से जल उपलब्ध होता है।
  • इंदिरा गाँधी नहर की नौहर-साहवा लिफ्ट नहर चूरू जिले को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध करवाती है।
  • राजस्थान का सर्वाधिक गर्म जिला एवं गर्म स्थान कौन सा है – चूरू 
  • राजस्थान का प्रथम सहकारी क्षेत्र का महिला मिनी बैंक कहां स्थित है – सालासर (चुरु) में।
  • इंदिरा गांधी नहर की सबसे लम्बी लिफ्ट नहरों में से एक – गंधेली सहाबा लिफ्ट नहर (श्रीगंगानगर से चुरु तक है) है। इसका नया नाम चौधरी कुम्भाराम लिफ्ट नहर रखा गया है। 
  • तारानगर – भित्ति चित्रों हेतु प्रसिद्ध तथा रामदेव जी का मेला भी लगता है।
  • डिस्कस थ्रो खिलाड़ी कृष्णा पूनिया राजस्थान के चूरू जिले की निवासी है। कृष्णा पूनिया को एशियाई खेलों में कांस्य तथा राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक प्राप्त है।
  • प्रोजेक्ट जलधारा – लक्ष्मी मित्तल ने राजगढ़ (सादुलपुर) कस्बे और 168 गाँवों में पीने का पानी लाने की योजना।
  • द्रोणपुर—द्रोणाचार्य की आश्रम स्थली, गोपालपुर।
  • राजस्थान का सबसे कम वन क्षेत्र वाला जिला कौन सा है – चूरू।
  • ताल छापर वन्यजीव अभयारण्य कहां स्थित है – चूरू में।
  • मंशा देवी—चूरू क्षेत्र की लोक देवी है।
  • राजस्थान का कौनसा जिला सर्दियों में सर्वाधिक ठंडा एवं गर्मियों में सर्वाधिक गर्म होता है – चूरू जिला।
  • कबूतरी नृत्य चूरू का प्रसिद्ध है।
  • लक्ष्मीनिवास मित्तल- प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल चूरू जिले के सुजानगढ़ का निवासी है।
  • चंदन की मूर्तियों के काम के लिए कौन सा जिला प्रसिद्ध है – चूरू जिला।
  • 1930 में चांदमल बहड़ ने धर्मस्तूप नामक स्थान पर भारतीय स्वतन्त्रता का झण्डा फहराया था। धर्मस्तूप को लाल घण्टाघर भी कहते है।
  • सबसे बड़ा आखेट निषिद्ध क्षेत्र संवत्सर कोटसर किस जिले में स्थित है – चूरु जिले में।
  • चूरू में पीला पोमचा व औढ़नी की रंगाई होती है।
  • अग्नि नृत्य- चूरू में जसनाथी सम्प्रदाय का अग्नि नृत्य प्रसिद्ध है।
  • गंधेली साहवा लिफ्ट नहर का दूसरा नाम क्या है – चौधरी कुंभाराम लिफ्ट नहर।
  • नोहर साहवा लिफ्ट नहर से किस जिले को जल उपलब्ध होता है – चूरु जिले को।
  • गोयनका की हवेली चूरू में है।
  • सिखों का सबसे बड़ा मेला कहां लगता है – साहवा, चूरू में।
  • प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल सुजानगढ़ (चूरू) निवासी है।
  • बिग्गाजी स्मारक कहां स्थित है – सुजानगढ़ (चूरू) में।
  • चूरू जिले में ताल छापर झील स्थित है। जो की एक खारे पानी की झील है।
  • चूरू की प्रमुख हवेलियां कौन सी है : सुराणा के हवामहल, मंत्रियों की मोती हवेली, रामविलास गोयंका की हवेली, दानचंद चोपड़ा की हवेली आदि।
  • राज्य में सबसे कम वन-चूरू में है।
  • चूरू जिले में एक भी नदी नहीं बहती है।
  • प्रथरणा का जोहड़- प्रथरणा का जोहड़ चूरू जिले में स्थित है।
  • पशुगणना 2012 के अनुसार चूरू जिले में कुल पशुधन संख्या 18,49,833 है।
  • पशुगणना 2012 के अनुसार चूरू जिले का पशु घनत्व 110 है।

इस पोस्ट में चूरू जिले का सामान्य परिचय, चूरू के पर्यटन स्थल दर्शनीय स्थल, चूरू जिले का क्षेत्रफल एवं उपनाम, चूरू के प्रमुख मंदिर, चूरू जिले की अक्षांशीय एवं देशांतरीय स्थिति, चूरू जिले के खनिज, चूरू के प्रमुख मेले और त्यौहार एवं चूरू के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर आदि बिंदुओं को कवर करने की कोशिश की गयी है। मुझे उम्मीद है कि आप सभी को यह पोस्ट पसंद आयी होगी।

 यह भी पढ़े:- 

Tags : Churu GK in Hindi, Churu District GK in hindi, Churu Zila parishad, Churu Jila Darshan, Churu Zila Darshan, Churu district judge collector city photo pincode distance train.

Telegram GroupJoin Now

3 thoughts on “चूरू जिला दर्शन(Churu District GK in Hindi)”

Leave a Comment