हनुमानगढ़ जिला दर्शन(Hanumangarh District GK in Hindi)

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Hanumangarh District GK in Hindi:- इस पोस्ट में हनुमानगढ़ जिले के खनिज, हनुमानगढ़ जिले का सामान्य परिचय, हनुमानगढ़ के पर्यटन स्थल दर्शनीय स्थल, हनुमानगढ़ जिले का क्षेत्रफल एवं उपनाम, हनुमानगढ़ जिले की अक्षांशीय एवं देशांतरीय स्थिति, हनुमानगढ़ के प्रमुख मंदिर, हनुमानगढ़ के प्रमुख मेले और त्यौहार एवं हनुमानगढ़ के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर आदि बिंदुओं को कवर करने की कोशिश की गयी है।

हनुमानगढ को प्राचीन सभ्यता की भूमि कहा जाता है । यहां कालीबंगा,पीलीबंगा,पल्लू आदि सभ्यताएं मिली है। हनुमानगढ़ की ये सभ्यताएं घग्घर नदी के किनारे पर पनपी थी ! हनुमानगढ़ जिले को गंगानगर से 12 जुलाई 1994 को पृथक कर 31 वां जिला बनाया गया। इसे गंगानगर से अलग करके बनाया गया था!

हनुमानगढ़ जिले का सामान्य परिचय:-

  • हनुमानगढ़ जिले का क्षेत्रफल – 9656.09 वर्ग किलोमीटर है।
  • नगरीय क्षेत्रफल – 69.86 वर्ग किलोमीटर
  • ग्रामीण क्षेत्रफल – 9586.14 वर्ग किलोमीटर है।
  • हनुमानगढ़ जिले के उपनाम/प्राचीन नाम :- फलों की टोकरी, योद्धेय क्षेत्र, भटनेर (प्राचीन नाम)
  • हनुमानगढ़ जिले में कुल विधानसभा क्षेत्रों की संख्‍या 5 हैं, जो निम्‍न है – 1. संगरिया, 2. हनुमानगढ़, 3. पीलीबंगा, 4. नोहर तथा 5. भादरा
  • उपखण्‍डों की संख्‍या – 7
  • उपतहसीलों की संख्‍या – 3
  • तहसीलों की संख्‍या – 7
  • ग्राम पंचायतों की संख्‍या – 251
  • हनुमानगढ़ जिले की मानचित्र स्थिति – 74°’ उत्तरी अक्षांश तथा 29.5°’ पूर्वी देशान्‍तर है।
  • हनुमानगढ़ जिले की सीमा पंजाब व हरियाणा दो राज्यों से लगती है।
  • हनुमानगढ़ जिले में कुल वनक्षेत्र – 241.23 वर्ग किलोमीटर



2011 की जनगणना के अनुसार हनुमानगढ़ जिले के आंकड़ें:-

  • हनुमानगढ़ जिले की कुल जनसंख्या—17,74,692
  • हनुमानगढ़ जिले की पुरुष जनसंख्या—9,31,184
  • हनुमानगढ़ जिले की स्त्री जनसंख्या—8,43,508
  • हनुमानगढ़ जिले की दशकीय वृद्धि दर—16.9%
  • हनुमानगढ़ जिले का लिंगानुपात—906
  • हनुमानगढ़ जिले का जनसंख्या घनत्व—184
  • हनुमानगढ़ जिले की साक्षरता दर—68.37%
  • हनुमानगढ़ जिले की पुरुष साक्षरता—77.4%
  • हनुमानगढ़ जिले की महिला साक्षरता—55.8%

घग्घर नदी-

  • इसका उद्गम हिमाचल में शिवालिक की पहाड़ी या कालका की पहाड़ी से होता है।
  • हिमाचल मे बहकर यह पंजाब व हरियाणा मे से बहती हुई राज्य मे हनुमानगढ़ की टिब्बी तहसील के तलवाड़ा गांव से प्रवेश करती है।
  • भटनेर के पास यह लुप्त प्राय हो जाती है।
  • इसकी लम्बाई 465 कि.मी. है।
  • इसे सरस्वती, नट, नाली, द्वषदती, मृत तथा सोतर के नाम से जाना जाता है।
  • पाकिस्तान में इसके बहाव क्षेत्र को हकरा कहते है।
  • हिमालय से जल लाने वाली व राज्य मे उतर दिशा से जल लाने वाली राज्य की एकमात्र नदी है।
  • राज्य में प्रवाहित होने वाली एकमात्र अन्तराष्ट्रीय नदी है।
  • नदी के उफान मे होने पर इसका जल रंगमहल से होते हुए श्रीगंगानगर के अनुपगढ से होते हुए पाकिस्तान मे फोर्ट अब्बास तक पहुंच जाता है।
  • इस नदी को राजस्थान का शोक कहते है।
  • यह सबसे लम्बी आन्तरिक प्रवाह की नदी है।

हनुमानगढ़ के प्रमुख मंदिर-

  • गोगामेड़ी का मंदिर – यह लोकदेवता गोगा जी का मंदिर है, जो हनुमानगढ़ के नोहर नामक स्थान पर है। गोगामेड़ी का यह मंदिर मकबरेनुमा है, जिसका निर्माण फिरोज खां तुगलक ने करवाया था। गोगाजी को “जाहरपीर”और “सर्पो का देवता” भी कहते है। इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर बिस्मिल्लाह की आकृति चित्रित है। इस मंदिर में गोगाजी की समाधि है और गोगानवमी को मेला भरता है। इस मंदिर का पुजारी ग्यारह महीने तक मुस्लिम बनता है और एक महीने तक हिन्दू बनता है। गोगाजी का 15वा वंशज कायमसिंह था, जिसने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया था। कायम सिंह के वंशज कायमखानी मुस्लिम कहलाते है,इसी कारण इस मंदिर में पुजारी मुस्लिम है!
  • भद्रकाली माता का मंदिर – यह राजस्थान का “एकमात्र भद्रकाली माता का मंदिर” है। जो हनुमानगढ़ के अमरपुरा गांव में स्थित हैं। इस मंदिर में काली माता की मूर्ति की पूजा अर्चना की जाती है! इस मंदिर का निर्माण बीकानेर के राजा रामसिंह ने करवाया था।
  • गुरुद्वारा कबूतर साहिब – गुरुद्वारा कबूतर साहिब नोहर हनुमानगढ़ में स्थित है। सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह यहां पर आए थे, और उनकी स्मृति में यह गुरुद्वारा बनवाया गया था।
  • सिलामाता मंदिर – यह मंदिर हनुमानगढ़ में घग्घर नदी के किनारे पर बना हुआ है। मुस्लिम धर्म के लोग सिला माता की पूजा करते है और सिला माता को सिलापीर कहते है। इस मंदिर में श्रद्धालु चर्म रोग को दूर करने के लिए सिला माता को नमक का पानी चढ़ाया करते है! सिला माता का मेला “भाद्र पद सुक्ला एकादशी” को लगता है।
  • ब्राह्मणी माता का मंदिर – यह मंदिर हनुमानगढ़ के पल्लू गांव में स्थित है। इस मंदिर में ब्राह्मणी माता का मेला हर महीने की ‘अष्टमी और नवमी’ को लगता है।
  • गुरुद्वारा सुखा सिंह मेहताब – गुरुद्वारा सुखा सिंह मेहताब हनुमानगढ़ शहर में स्थित है! भारत-पाकिस्तान बंटवारे में यह गुरुद्वारा पाकिस्तान में चला गया था अतः इस गुरुद्वारे की स्मृतियां यहां लाकर हनुमानगढ़ जिले में गुरुद्वारा सुखा सिंह मेहताब का निर्माण करवाया गया! वर्तमान में यह गुरुद्वारा हनुमानगढ़ में स्थित है!
  • श्री गोरखनाथ जी का मंदिर – यह मंदिर गोगामेड़ी के रेलवे स्टेशन से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्री गोरखनाथ जी का मंदिर भगवान शिव के साथ-साथ उनके परिवार, देवी काली, श्री भैरूजी और श्री गोरख नाथजी की धूना को समर्पित है। मत्स्येंद्रनाथ के शिष्य, श्री गोरखनाथ जी एक प्रतिभाशाली योगी थे। इस धार्मिक स्थल पर श्री गोरखनाथ की धूना या चिमनी देखी जा सकती है।

हनुमानगढ़ जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल:-

  • शिला मेला- हनुमानगढ टाउन में बस स्टैण्ड के समीप शिला माता का मेला प्रत्येक गुरूवार को भरता है।
  • संगरिया- स्वामी केशवानन्द स्मारक व संग्रहालय।
  • इंडो-डच जल निकासी परियोजना– जिले के सेम प्रभावित क्षेत्रो में जल निकासी हेतु नीदरलैण्ड के आर्थिक सहयोग से प्रारम्भ हुई योजना।
  • पल्लु- यहां पर ब्राह्माणी माता का मंदिर है। जो प्रमुख आस्था का स्थल है।
  • हनुमानगढ़ कताई मिल- राज्य मे सहकारी प्रतिष्ठान स्पिनफैड की हनुमानगढ मिल को वर्ष 2005-06 के लिए देश भर की सहकारी कताई मिलों में विभिन्न स्तरो पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर तीन राष्ट्रीय पुरूस्कार दिए गए है।
  • रंगमहल- यह एक पुरातात्विक स्थल है।
  • पीलीबंगा- यहां पर हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेष मिले है।
  • कालीबंगा- पुरातात्विक स्थल जहां पर पहली बार दोहरे जुते हुए खेत मिले है तथा यहां पर काली चुड़ीयां प्राप्त हुई है।
  • भादरा, हनुमानगढ़- भादरा के करनपुरा में 8 जनवरी, 2013 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को 4500 वर्ष पुराना मानव कंकाल मिला।

हनुमानगढ़ का किला (भट्टनेर का दुर्ग)

  • भट्टनेर दुर्ग के उपनाम – बांकागढ़, उत्तरी सीमा का प्रहरी।
  • मंगलवार के दिन इस दुर्ग पर बीकानेर के राजा सूरज सिंह ने अधिकार कर लिया था अतः यह दुर्ग भगवान हनुमान के नाम पर हनुमानगढ़ कहलाया!
  • भट्टनेर दुर्ग की नींव सन् 285 ईसवी में भाटी वंश के राजा भूपत ने रखी थी!
  • इस दुर्ग का शिल्पी कैकेया था।
  • भट्टनेर दुर्ग राजस्थान का सबसे पुराना दुर्ग है!
  • भट्टनेर दुर्ग राजस्थान में बनने वाला प्रथम दुर्ग!
  • भट्टनेर दुर्ग मिट्टी से बना हुआ हैं!
  • तैमुर ने अपनी आत्मकथा तुजुक ए तैमुरी में यहां तक लिखा की उसने इतना मजबुत व सुरक्षित किला पुरे हिन्दुस्तान मे कहीं नही देखा।
  • राजस्थान में मात्र दो दुर्ग ही ऐसे है जो मिट्टी से बने हुए हैं- 1.हनुमानगढ़ का भट्टनेर दुर्ग, 2. भरतपुर का लोहागढ़ दुर्ग !
  • घग्घर के पानी ने इसके महत्व को हमेशा बनाए रखा क्योकी तत्कालीन जांगल प्रदेश का यही एक मात्र ऐसा प्रदेश था जहां वर्षभर फसले होती थी।
  • सर्वाधिक विदेशी आक्रमणों को झेलने वाला दुर्ग-भटनेर दुर्ग।

हनुमानगढ़ के अन्‍य महत्त्वूपर्ण तथ्‍य –

  • राजस्‍थान में खेल का सामान हनुमानगढ़ जिले में बनता है।
  • पल्लू गांव (हनुमानगढ़) – हनुमानगढ़ के पल्लू गांव से सरस्वती माता की दो जैन मूर्तियां प्राप्त हुई जो राष्ट्रीय संग्रहालय दिल्ली में सुरक्षित है!
  • राजस्‍थान में सर्वाधिक खच्चर हनुमानगढ़़ जिले में पाये जाते है।
  • राजस्थान में खेल का सर्वाधिक सामान हनुमानगढ़ जिले में बनाया जाता है!
  • हनुमानगढ़ में सेम प्रवाहित क्षेत्रों में जल निकासी हेतु ”इंडो-डच जल निकासी परियोजना” नीदरलैण्ड के आर्थिक सहयोग से प्रारम्भ की गई।
  • तलवाड़ा झील, हनुमानगढ़ – यह एक ऐसी झील है जो एक नदी द्वारा निर्मित है!हनुमानगढ़ में घग्घर नदी बहती है! इस नदी के द्वारा ही तलवाड़ा झील का निर्माण हुआ!
  • सरस्वती नदी के प्राचीन बहाव क्षेत्रों में 18वीं शताब्दी में स्थापित शिला माता का मन्दिर-सामाजिक सद्भावना का प्रतीक है।
  • खेरखेड़ा गांव हनुमानगढ़ – यह गांव हनुमानगढ़ की टिब्बी तहसील में स्थित है! राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर का प्रवेश इसी गांव से होता है!
  • गुरुद्वारा सुखासिंह महताबसिंह किस जिले में स्थित है – हनुमानगढ़ जिले में।
  • हनुमानगढ़ जिले के नोहर में खालसा पंथ के संस्थापक नानक देव व दसवें गुरु गोविन्द सिंह के आगमन की स्मृति में 1730 ई. में ऐतिहासिक गुरुद्वारा स्थापित किया गया।
  • सिंधु घाटी सभ्यता की तीसरी राजधानी किस सभ्यता को कहा जाता है – कालीबंगा सभ्यता को
  • हनुमानगढ़ जिले को सर्वाधिक सिंचाई सुविधा भाखड़ा नाँगल परियोजना एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना से होती है।
  • 1978 में हनुमानगढ़ में स्थापित ‘श्री गंगानगर सहकारी कताई मिल’ सहकारी क्षेत्र में स्थापित सूती वस्त्र मिल है।
  • कालीबंगा सभ्यता के उपनाम क्या है – कांस्य युगीन सभ्यता, नगरीय सभ्यता, हड़प्पा कालीन सभ्यता, प्राक हड़प्पाकालीन सभ्यता, आद्य ऐतिहासिक सभ्यता, पश्च हड़प्पा कालीन सभ्यता।
  • सर छोटूराम स्मारक संग्रहालय-संगरिया संग्रहालय हनुमानगढ़ में है। यह संग्रहालय प्रसिद्ध शिक्षाविद् केश्वानन्द की देन है।
  • हनुमानगढ़ का हरियाणा के निकट का क्षेत्र क्या कहलाता है – राठ क्षेत्र।
  • हनुमानगढ़ को ‘फलों की टोकरी’ कहा जाता है।
  • हनुमानगढ़ में भेड़ प्रजनन एवं अनुसंधान केन्द्र है।
  • हनुमानगढ़ को ‘मरुगंगा’ का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।
  • स्वामी केशवानंद स्मारक संग्रहालय किस जिले में स्थित है – हनुमानगढ़ जिले में
  • कालीबंगा सभ्यता की खोज किसने की – अमलानंद घोष ने
  • इंदिरा गांधी नहर राजस्थान में कहां से प्रवेश करती है – मसीता वाली हेड हनुमानगढ़ से।
  • कबूतर साहिब गुरुद्वारा किस जिले में स्थित है – नोहर, हनुमानगढ़ में।

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